सरायपाली ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर
भाषा उत्सव के तृतीय,चतुर्थ दिवस पर अभिनव पहल करते हुए बच्चों को विभिन्न मुद्दे देते हुए हिंदी अंग्रेजी स्थानीय भाषा में गीत कविता कहानी सुनने की शुरुआत की गई। इसका उद्देश्य बच्चों और शिक्षकों को नई भाषाओं के प्रति रुचि जागृत करना और ज्ञान बढ़ाना है। बच्चों को एक नई कविता स्वरचित दीवार पत्रिका में प्रदर्शित करने कहा गया। बच्चों को अपने पाठों का रोल प्ले करने के लिए प्रेरित किया गया। बच्चों के रचनात्मक लेखन कौशल के विकास के लिए शाला में समीक्षा कर पुस्तक तैयार करने के लिए प्रेरित किया। जादुई पिटारा के लिए सामग्री तैयार करने का शुभारंभ किया गया। सामग्री तैयार करने के लिए समुदाय का सहयोग लिया गया। विभिन्न स्थानीय भाषा सीखने के लिए शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के क्लब एवं पीएलसी का गठन किया गया। यह कदम न केवल सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने में मदद करेगा, बल्कि बच्चों के भाषाई कौशल को भी प्रोत्साहित करेगा।
शिक्षकों और बच्चों के लिए एक उपयोगी संसाधन सिद्ध होगा। यह शब्दकोश न केवल भाषा सीखने को सरल बनाएगा, बल्कि विभिन्न भाषाओं के प्रति समझ और सम्मान भी बढ़ाएगा।
कार्यक्रम में तकनीक और भाषा के समन्वय का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया गया, जिसे उपस्थित लोगों ने बेहद सराहा। ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों में कलात्मक एवं सांस्कृतिक धरोहर के प्रति रुचि पैदा होगी और उसके संरक्षण हेतु प्रेरित होंगे।
शासकीय प्राथमिक शाला कसडोल, शासकीय प्राथमिक शाला मुंधा, शासकीय प्राथमिक शाला बानीगिरोला, शासकीय प्राथमिक शाला सिरशोभा, शासकीय प्राथमिक शाला माकरमुता, शासकीय प्राथमिक शाला नवाडीह एवं उच्च प्राथमिक शाला पाटसेन्द्री में भाषा सप्ताह का आयोजन किया गया। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी दुर्वादल दीप ने दी।