बिलासपुर/ विनोद बघेल/ट्रैक सीजी-
शराब के नशे में चूर होकर स्कूल जाने वाले शिक्षक को डीईओ ने निलंबित कर दिया है। शिक्षक की करतूत को लेकर सामने आए विडियो को क्षेत्रीय पत्रकारों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद बीईओ ऑफिस में खुर्सी तोड़ते आराम फरमाने वाले अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद टूटी और उन्होंने खबर के प्रकाशित होने के बाद मामले की जांच शुरू की। जहा जांच मे प्रकाशित की गई न्यूज़ सही पाई गई और मामले में मस्तूरी बीईओ ने शशि भूषण मरावी शिक्षक के खिलाफ़ जांच प्रतिवेदन डीईओ कार्यालय प्रस्तुत किया। मामले में डीईओ टी आर साहू ने तत्काल शिक्षक को निलंबित कर दिया है। आपको बता दे कि 2 दिनों पहले जिले के मस्तूरी विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बहतरा के जनपद प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक शशि भूषण मरावी का एक वीडियो सामने आया था। जिसमें वह शराब के नशे में धुत्त होकर स्कूल के पास ही भटकते मिले थे। सूत्रों के अनुसार स्कूल के समय मे शराब पीकर नशाखोरी करने वाले इस शिक्षक के खिलाफ कई बार शिकायत हो चुकी है बावजूद इसके उन पर कोई सख्त कार्रवाई नही की गई थी। मामले में बच्चो के हित के मद्देनजर क्षेत्रीय पत्रकारों की टीम ने गंभीरता से लेते हुए खबर प्रकाशित किया।
जिसके बाद शराबी शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्यवाही हो सकी है।
ब्लॉक ऑफिस में खुर्सी तोड़कर ले रहे मोटी तनख्वा,, ग्रामीण अंचल की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे, मीडिया के प्रयासों से हुई कार्यवाही पर खुद की थपथपाई जा रही पीठ…!
पुरानी कहावत है कि मेहनत करे मुर्गी अण्डा खाए फ़क़ीर यह कहावत मस्तूरी बीईओ ऑफिस में तैनात काबिल अफसरों पर फिट बैठता है। जहा ग्रामीण अंचल की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के बजाए बीईओ ऑफिस में तैनात काबिल अफसर दफ्तर में खुर्सी थोड़ते रहते है। भले ही ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाई का स्तर कितना भी गिर जाए। इस बीच जब किसी शिक्षक के खिलाफ अनुशासन हीनता जैसे मामलो की शिकायत मिलती है। तब भी कार्यवाही तो छोड़िए उक्त स्कूल में जानें तक की जहमत नहीं उठाई जाती है। जबकि ऐसे मामलो में जब मिडिया द्वारा दोषी शिक्षक की करतूतों पर सबूत के साथ खबर प्रकाशित की जाती है। तब जाकर जिला मुख्यालय से लेकर मस्तूरी बीईओ ऑफिस तक सभी अधिकारी एक्टिव हो जाते है। फिर मजबूरन शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाती है। ग्राम पंचायत बहतरा के जनपद प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक शशि भूषण मरावी के मामले में भी कुछ इसी प्रकार का वाकया हुआ है। सूत्रों की माने तो उक्त शिक्षक के खिलाफ कई बार उच्च अधिकारियों को शिकायत की गई थी। इसके बाद भी मामले को लेकर बीइओ ऑफिस के अफसरो ने गंभीरता नही दिखाई। जब मिडिया ने मामले को उठाया तब अंतता शिक्षक के खिलाफ़ कार्यवाही कि गई है।