विशाल आक्रोश रैली निकालकर पहुंचे कलेक्ट्रेट, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
दैनिक ट्रैक सीजी, जगदलपुर।
बांग्लादेश में हिंदुओं के धार्मिक, सामाजिक और मानवाधिकारों के निरंतर उल्लघन के संदर्भ में आवश्यक कूटनीतिक हस्तक्षेप हेतु सनातन रक्षा मंच द्वारा आज मंगलवार आक्रोश रैली के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। सनातन रक्षा मंच के सुबीर नंदी एवं एल. ईश्वर राव ने बताया कि सनातन रक्षा मंच द्वारा दंतेश्वरी मंदिर से रैली निकाल कर बांग्ला देश में रहें हिन्दू सहित अन्य अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता और, उनके नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए, ठोस कदम उठाये जाने साथ ही हिन्दू मंदिरों, पुजा स्थलों और धार्मिक ग्रथों की रक्षा सुनिश्चित किये जाने और इन्हे अन्तरराष्ट्रीय धरोहर के रूप में मान्यता दिये जाने अन्तराष्ट्रीय हस्तक्षेप कर भारत सरकार मुद्दे को संयुक्त संघ, मानवाधिकार आयोग और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाये, ताकि बांग्लादेश सरकार पर वैश्विक दबाव बनाकर हिन्दू के अधिकारों की रक्षा किया जा सके इस हेतु ज्ञापन साैंपा गया।
सनातन रक्षा मंच द्वारा भारत के नागरिक और सकल हिन्दू समाज के प्रतिनिधी, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दू, बौद्ध व अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति अपनी गहरी चिन्ता और विरोध व्यक्त हुये आक्रोश रैली शहर के मध्य मां दंतेश्वरी मंदिर के समक्ष मंच से सभी वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि बांग्लादेश में जो अत्याचार चल रहे हैं, वह न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है बल्कि इससे हमारे साझा सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्य भी आहत हो रहे है।
हमारा देश भारत हमेशा से विमिन्न धमों, संस्कृतियों और आस्था का संगम रहा है, हमारी सर्वे भवनतु सुखिनः की अवघारणा है। बांगलादेश भी हमारे इतिहास, संस्कृति और समाज का एक अभिन्न हिस्सा रहा है, फिर भी वहॉ पर हिन्दू, बौद्ध व अन्नय अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे घृणित हमलों और अत्याचारों ने हमारी अन्तरात्मा को झकझोर कर रख दिया हाल की प्रमुख घटनाओं में आध्याल्मिक गुरू इस्कॉन के चिन्मय कृष्णदास को अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया है जो न केवल उनके अनुयायियों के धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, बल्कि न्याय व मानवता के सिद्धांतों पर भी प्रहार है। पिछले कुछ वर्षं से बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, लूटपाट, बलात्कार, हत्या और जबरन धर्मान्तरण जैसी घटनाएं, चिन्ताजनक रूप से बढी है, विशेषकर तख्ता पलट के बाद यह हिंसा और भी अधिक गंभीर हो गई है। मंदिरों का विध्वंस किया जा रहा है ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के हिन्दू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है जिससे न केवल हमारी धार्मिक धरोहर को हानि पहुंच रही है,बल्कि यह हिन्दू समाज के आत्मा पर भी आघात है। कैलाश राठी ने मंच का संचालन किया।
इस दाैरान आरबीएस राणा, स्वामी वेद व्यास, वेणुगोपाल, ललिल जोशी, श्याम सोमानी, अरुण दास, नवरत्न जलोटा, अमरीक सिंह, जगत सिंह ठाकुर, अनिल लुकड़, प्राची गर्ग, नरेद्र पानीग्राही सहित बड़ी संख्या में सभी हिंदू समाज के लाेग माैजूद थे।