मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई नागपुर से की है और मॉडर्न टेक्नोलॉजी का उपयोग कर खेती करने को कैरियर के रूप में चुना ।
बेमेतरा (ट्रैक सीजी न्यूज/हेमंत सिन्हा) – भारत एक कृषि प्रधान देश है और देश की GDP का बहुत बढ़ा हिस्सा कृषि उत्पादों पर निर्भर है । ऐसे में देश की युवा शक्ति का कृषि से जुड़ना एक उज्ज्वल भविष्य का संकेतक है । इसी कड़ी में ग़ौरतलब है कि बेमेतरा ज़िला के थानखमरिया के समीपस्थ ग्राम उसलापुर के अविनाश पटेल 250 एकड़ में आधुनिक कृषि के पर्याय बन चुके हैं । उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई नागपुर से की है और मॉडर्न टेक्नोलॉजी का उपयोग कर खेती करने को कैरियर के रूप में चुना । आज कल जब युवा रोज़गार के लिए शहरों की ओर अग्रसर हो रहें हैं तब अविनाश के शहर से पढ़ाई कर गाँव में खेती को कैरियर बनाना युवाओं के आकर्षण का केन्द्र बना हुवा है । उन्होंने आधुनिक कृषि उपकरणों , मल्टी क्रॉपिंग , फसल चक्रण और मौसम संबंधी जानकारियों का उपयोग कर कृषि को अत्यंत लाभप्रद बनाया है । उनका मानना है की जिस प्रकार खाट के संतुलन के लिए खाट के चारों पैर का महत्व होता है उसी प्रकार देश के संतुलन के लिए शिक्षा , व्यापार और राजनीति के साथ साथ कृषि का भी अत्यधिक महत्व है । ये चारों देश के चार स्तंभ हैं । उन्होंने आगे बताया की अगर आधुनिक सोच वाली युवा शक्ति और घर के बड़े बुजुर्गों का अनुभव साथ मिल जाये तो खेती किसानी में कभी नुक़सान नहीं हो सकता । मौसम में अनियमितता के प्रश्न पर उन्होंने मल्टी क्रॉपिंग को इसका सबसे अच्छा उपाय बताया । ज्ञात है कि दूर दूर से लोग उनकी आधुनिक कृषि को देखने आते हैं और उनके फॉर्म हाउस में किसानों कि नियमित रूप से मीटिंग होती है जहां सभी अपने अपने अनुभव साझा करते हैं । परस्पर सहयोग और बातचीत से कृषि की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है । अविनाश पटेल तन मन धन से क्षेत्रवासियों के सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहते हैं । राइस मिल या कृषि संबंधी किसी भी तरह के सुझाव के लिये हमेशा उपलब्ध रहते हैं । क्षेत्र के युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत बन चुके अविनाश धार्मिक कार्यक्रमों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और ज़रूरत मंदों को आर्थिक सहयोग प्रदान करते रहते हैं । कृषि के साथ साथ वो राइस मिल और गुढ़ मिल के भी संचालक हैं ।