शत्रुघन सिन्हा ब्यूरो चीफ
धमतरी जिले के ग्राम चिखली में गोपाष्टमी पूजा में अहीर नृत्य का शानदार किया प्रदर्शन विकासखंड धमतरी के ग्राम चिखली में यादव समाज 27 नवंबर को गोपाष्टमी पूजा एवं अहिर नृत्य प्रदर्शन महोत्सव का आयोजन किया गया, आयोजित कार्यक्रम में क्षेत्र से मुख्य अतिथि राजेंद्र सलाम सरपंच गीतपहर कांकेर ,यादव कोसरिया समाज जिला अध्यक्ष जोहन सिंह यादव , दयाराम यादव अध्यक्ष बड़ेकोसरिया यादव समाज ,धमतरीजिला महामंत्री चंद्रहास जैन, मंडल उपाध्यक्ष अहमद अली, सरपंच ग्राम पंचायत चिखली हेमलता तारम,रेवती बाई ,जानकी यादव ,सुषमा यादव,रीता यादव समाज अध्यक्ष व सरपंच ग्राम पंचायत अकलाडोंगरी मोतीराम यादव,समाज प्रमुख मनराखन यादव, परमानंद यादव, संजीत यादव ,ज्ञान यादव,पुरुषोत्तम यादव, हिंछाराम यादव, परदेसी राम यादव, लीखाराम यादव, ग्राम प्रमुख मिलाउ राम ताराम,लतखोर सिन्हा,रमाशंकर सिन्हा,जयतूराम ताराम,नरोत्तम नेताम ,शिवनाग,
प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी
गोपाष्टमी का पर्व बहुत ही धूमधाम से हर साल मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण ने गौचारण शुरू किया था, इसलिए इसी तिथि पर गोपाष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. श्रीमदभागवत में इसकी पराकाष्ठा किया गया है,
कार्यक्रम की शुभारंभ अतिथियों एवं समाज प्रमुखों द्वारा ग्राम की रंगमंच में देवी देवताओं की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना कर किया गया, समाज की महिलाओं द्वारा कलश शोभायात्रा निकाली गई जो बाजे गाजे डांस डोली के साथ पूरी जोस उमंग के साथ कलश यात्रा निकाली गई, कार्यक्रम में पहुंचे मुख्य अतिथि राजेंद्र सलाम गोवर्धन पूजा की विशेषता को लेकर सारगर्भित शब्दों में लोगों को इस महोत्सव की जानकारी दिए समाज की एकजुटता भाई चारे की प्रेम , श्री कृष्ण की जन्म की विशेषताओं को सटीक शब्दों में परिलक्षित किए। वही इस कार्यक्रम में दूर दूर से आए राउत नाचा अपनी अपनी प्रतिभा दिखाएं, आए हुए प्रतिभागियों ने अनेकों प्रकार की कलाकृतियों से गोपाष्टमी की त्यौहार को लेकर कलाकृति प्रस्तुति किए ।जिला महामंत्री जैन ने अपने उद्बोधन में बताया भगवान कृष्ण की
वर्णन देखने को मिलता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने गायों के संग खेला करते थे और उन्हें गायों से बेहद प्रेम था.गोपाष्टमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो गौ माता को समर्पित है. इस दिन गौ माता की पूजा करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं.
इस दिन को गौ पूजा और गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है. गोपाष्टमी के दिन गौ माता को सम्मान देने और भगवान श्री कृष्ण को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा अर्चना की जाती है. गोपाष्टमी का पर्व न केवल गायों बल्कि भगवान श्री कृष्ण की पूजा का शुभ अवसर भी माना जाता है. इस खास दिन गाय की पूजा करने से भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. मान्यता के अनुसार, इस दिन गाय की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।माना जाता है. गाय को देवी लक्ष्मी का प्रतीक और घर में सुख-समृद्धि लाने वाली माना जाता है. इसलिए इस दिन गायों को स्नान कराकर, उन्हें सजाकर पूजा जाता है. गोपाष्टमी के दिन विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी घटनाओं की याद की जाती है. कृष्ण ने अपने बचपन में गोकुल में गायों की सेवा की और उन्हें चराने का कार्य किया था. यही कारण है कि गोपाष्टमी का पर्व कृष्ण भक्तों के लिए भी अत्यधिक महत्व रखता है , राउत नाचा प्रतियोगिता में जिला कांकेर ग्राम मर्दापोटी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया इनकी नृत्य से लोग सराबोर हुए ।