लोगों को समझाना होगा कि सरकार में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं – पीएम मोदी
पिथौरा ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर
नगर के हृदय स्थल टैक्सी स्टैंड में भाजपा कार्यकर्ता, पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधियों ने टैक्सी चालकों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम “मन की बात” के 116वीं कड़ी का प्रसारण सुना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात रेडियो शो के 116वें एपिसोड में स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती, एनसीसी दिवस, गयाना यात्रा, लाइब्रेरी जैसे मुद्दे पर बात की। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महासमुंद जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल, भाजपा मंडल अध्यक्ष नरेश सिंघल, नगर पंचायत पिथौरा के पूर्व अध्यक्ष एवं पार्षद देवसिंह देवेश निषाद, मन्नूलाल ठाकुर, रैदास गोयल, किरण अग्रवाल, शशि डडसेना, रमेश पटेल, मनमीत सिंह छाबड़ा (रिक्की), मनमोहन जैन, किशोर पटेल, नरेश बंसल, राजेश राजपूत, चिंताराम, नेतराम डडसेना सहित अन्य उपस्थित थे।
पीएम मोदी ने डिजिटल अरेस्ट पर कहा कि हमें बार-बार लोगों को समझाना होगा कि सरकार में डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है। यह एक खुला झूठ और लोगों को फंसाने की साजिश है। साथ ही पीएम मोदी ने विभिन्न विषयों पर सारगर्भित बातें रखी।
युवाओं के सोशल वर्क पर : कुछ युवाओं ने समूह बनाकर विभिन्न मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया है। लखनऊ के वीरेंद्र ने बुजुर्गों की डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट से जुड़ी समस्याओं को हल करने में मदद की है। इससे चीजें बहुत आसान हो गईं। बुजुर्गों को अब बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ती। मैं कहना चाहूंगा कि युवा तकनीकी अपराधों से बचने के लिए बुजुर्गों की मदद करें और उन्हें सुरक्षित डिजिटल व्यवहार अपनाने में हेल्प करें।
देश में चल रहे लाइब्रेरी इनीशिएटिव पर : चेन्नई में ‘प्रकृति अरिवगम’ के नाम से च्चों के लिए एक ऐसी लाइब्रेरी बनाई गई है, जो रचनात्मकता और सीखने का केंद्र बन गई है। फूड फॉर थॉट फाउंडेशन ने हैदराबाद में कई लाइब्रेरी बनाई हैं। बिहार में गोपालगंज में भी प्रयोग लाइब्रेरी की चर्चा हो रही है। इससे 12 गांव के युवा को मदद मिल रही है।
पीएम की गुयाना यात्रा पर: भारत से हजारों किलोमीटर दूर, गुयाना में भी एक ‘मिनी इंडिया’ बसता है। लगभग 180 साल पहले, भारत से लोगों को गुयाना में खेती और अन्य कामों के लिए ले जाया गया था। आज गुयाना में भारतीय मूल के लोग राजनीति, व्यापार, शिक्षा और संस्कृति जैसे हर क्षेत्र में देश का नेतृत्व कर रहे हैं।
इंडियन डाइसपोरा स्टोरीज पर : गुयाना की तरह, दुनिया के दर्जनों देशों में लाखों भारतीय रहते हैं। उनके पूर्वजों की कई दशकों, यहां तक कि 200-300 साल पुरानी कहानियां हैं। ऐसे में, यह देखना रोचक होगा कि भारतीय प्रवासियों ने कई देशों में अपनी पहचान कैसे बनाई। भारतीय प्रवासियों की ऐसी ही कहानियों को खोजें, इन कहानियों को मेरे साथ साझा कर सकते हैं।
कचरे से कंचन इनीशिएटिव पर : हमारे देश में ‘वेस्ट टू वेल्थ’ की धारणा बहुत पुरानी है। आज देश के कई हिस्सों में युवा बेकार समझी जाने वाली चीजों को अलग-अलग तरीकों से संपदा में बदल रहे हैं। वे न केवल बेकार वस्तुओं को उपयोगी बना रहे हैं, बल्कि इससे पैसे भी कमा रहे हैं और रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि युवा इस दिशा में और ज्यादा प्रयास करें और पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक लाभ के इस मॉडल को आगे बढ़ाएं।
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