जिले में पहले दिन 1106 टोकन के माध्यम से खरीदी गई 51,537.2 क्विंटल धान
18 नवंबर 2024 सोमवार को 91 उपार्जन केद्रो से धान खरीदी के लिए 1438 टोकन जारी, किसानों से 73,581.60 क्विटल खरीदा जाएगा धान
रोहित चंद्रवंशी, दैनिक ट्रैक सीजी /कवर्धा।
कबीरधाम जिले में इस बार समर्थन मूल्य में धान खरीदी महापर्व पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। मोदी की गारंटी को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप किसानों की मेहनत का फल अब उनके हाथों तक पहुंचने लगा है। कबीरधाम जिले में 14 नवंबर 2024 से धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है, जो 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। किसानों के चेहरों पर रौनक और उनके दिलों में संतोष साफ झलक रहा है।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के निर्देश पर किसानों की सुविधा के लिए धान खरीदी केंद्रों में सभी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
कबीरधाम जिले में धान खरीदी के पहले दिन ही किसानों ने धान खरीदी केंद्र पहुंचकर अपने धान को तौलकर समर्थन मूल्य में विक्रय किया। शासन के मंशानुरूप किसानों को पहले से ही टोकन जारी कर दिए गए, जिससे आसानी से अपना धान का विक्रय कर सके। समिति द्वारा पहले दिन के लिए 323 टोकन और टोकन एप्लिकेशन के माध्यम से 783 टोकन जारी किए गए, जिससे कुल 1106 टोकन कटे। इन टोकनों के माध्यम से 51,537.2 क्विंटल धान खरीदा गया। 18 नवंबर 2024 सोमवार के लिए 108 उपार्जन केन्द्रो में से 91 उपार्जन केद्रो से धान खरीदी के लिए कुल 1438 टोकन (समिति द्वारा काटा गया टोकन 310 और किसानों द्वारा टोकन तुंहर हाथ द्वारा काटा गया 1128) काटा गया है। जिसमें 1438 टोकन के विरुध कुल 73,581.60 क्विटल खरीदा जाएगा। इस बार प्रदेश सरकार द्वारा 3,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है, जो किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहारा बनेगा। जिला प्रशासन ने धान खरीदी केंद्रों पर सुचारू और पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। प्रत्येक केंद्र पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, ताकि खरीदी प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
जिले के 108 केंद्रों को किसानों की सुविधा के अनुसार पूरी तरह तैयार किया गया है। हर केंद्र पर ऑनलाइन खरीदी के लिए कंप्यूटर, प्रिंटर, इलेक्ट्रॉनिक तौल यंत्र और बायोमैट्रिक उपकरण लगाए गए हैं। इन उपकरणों के संचालन के लिए कंप्यूटर ऑपरेटरों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। केंद्रों पर छाया, पेयजल, शौचालय और बैठने की उचित व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों को धान बेचते समय किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। किसानों के लिए केंद्रों पर बैनर और पोस्टर के माध्यम से समर्थन मूल्य की जानकारी दी गई है। खरीदे गए धान के भंडारण के लिए डनेज और तारपोलिन की व्यवस्था की गई है। सुरक्षा और भंडारण व्यय के लिए समितियों को अग्रिम राशि प्रदान की गई है। केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है, जिससे केंद्रों पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके। इसके अतिरिक्त, अवैध धान की बिक्री को रोकने के लिए पुलिस और राजस्व विभाग की टीमों को भी सक्रिय रखा गया है, जो सीमा क्षेत्रों पर निगरानी कर रहे हैं। प्रशासन ने प्रत्येक केंद्र पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, जो किसानों की समस्याओं को सुनने और हल करने का कार्य करेंगे। ये अधिकारी धान खरीदी प्रक्रिया के दौरान केंद्रों की समस्त व्यवस्थाओं की देखरेख करेंगे और किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत निराकरण करेंगे।