महासमुंद ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर
जिला सहित आज पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में संयुक्त मंच के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी लंबित आठ सूत्री मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल पर बैठे हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हड़ताल पर जाने से विभाग के कई काम आज ढप हो गए हैं। रैली की शक्ल में पहुंचे हजारों कार्यकर्ताओं को कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने ही पुलिस ने रोक लिया। आक्रोषित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम कर दिया। तब कहीं जाकर जिला प्रशासन के अधिकारी मुख्य द्वार पर पहुंच कर ज्ञापन लिया। गौरतलब है कि आज सुबह 10 बजे से स्थानीय पटवारी कार्यालय के सामने महासमुंद जिले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपनी मांगों लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हल्ला बोला है। स्थानीय पटवारी कार्यालय के सामने धारणा स्थल पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की इतनी तादात में भीड़ इकट्ठा हो गए कि पटवारी कार्यालय के सामने पैर रखने के लिए जगह नहीं बची थी। धरना प्रदर्शन कर दोपहर 3 बजे रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंच कर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम अपना ज्ञापन सौंपा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनकी मांगे जल्द पूरी नहीं हुई तो आगामी दिनों उग्र आंदोलन करने बाध्य होंगे।
धरना स्थल से कलेक्ट्रेट पहुंचे हजारों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कलेक्ट्रेट द्वार के सामने ही रोक लिया। पुलिस के रोकने से गुस्साए कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के सामने की सड़क पर बैठ कर चक्काजाम कर दिया। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने तत्काल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास पहुंचे ज्ञापन लिया जिसके बाद यातायात सुविधा बहल हुई।
आज के धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में मुख्यरूप से अशोक गिरी गोस्वामी, संरक्षक दिलीप तिवारी, मुकेश नामदेव, सुधा रात्रे, सुलेखा शर्मा, द्रौपति साहू, रामेश्वरी धृतलहरे अहिल्या मरकाम, अंजू प्रजापति ललिता नंदे सरिता बागड़े, अंजुला चौरसिया, छाया हिरवानी, रागनी चंद्राकर, हाजरा खान, सुल्ताना खान, धनमति बघेल, लल्ली आर्य, रागिनी चंद्राकर, पूर्णिमा ठाकुर, सुशीला ठाकुर, बागबाहरा से उषा चौहान, भारती ठाकुर, बबीता खंडे, सरायपाली से ज्योत्सना नंद, पुष्प प्रधान, कस्तूरी, बसना से संतोषी यादव, विभा साहू, सुशीला ठाकुर, जुगेंद्री महापात्र सहित हजारों कार्यकर्ता उपस्थित थी।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ये हैं मांग…
- नियमितीकरण पंचायती राज के अधीन छ०ग० राज्य में पंचायतकर्मी, शिक्षाकर्मी,
त्त्वास्थ्य कर्मी, पंचायत सचिवों जैसे मानसेविकों को सरकार निती बनाकर उन्हें नियमित (शासकीय कर्मचारी) कर चुकी है लेकिन हम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विगत 50 सालों से कार्यरत् है लेकिन हम आज भी मानसेवी नहीं है। आपसे हमारा अनुरोध है कि, सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को नियमित करते हुए शासकीय कर्मचारी घोषित किया जायें।
- जीने लायक वेतन शासकीय कर्मचारी घोषित करते तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 21,000/- रू० और सहायिका को 17,850/-रू० जीने लायक वेतन स्वीकृत किया जायें साथ ही वर्तमान में कार्यकर्ताओं को प्राप्त भानदेय 10,000/- रूपयें का 85 प्रतिशत राशि सहायिकों के लिए स्वीकृत किया जायें।
- सेवा निवृत्ति पश्चात् पेंशन ग्रेज्युटी 35 से 40 वर्ष विभाग की सेवा करने के बाद भी बुढ़ापे के समय जीवन यापन हेतु ना कोई पेंशन मिल रहा है और ना ही एकमुश्त राशि मिल रहा है। कार्यकर्ताओं को 10,000/-रू और सहायिका को 8000/-रु. मासिक पेंशन और बुढ़ापे के शेष जीवन के लिए कार्यकर्ताओं को 5 लाख रूपयें सहायिकाओं को 4 लाख रूपयें एकमुश्त ग्रेज्युटी राशि प्रदान किया जायें।
04.समुह बीमा योजना लागू करना :- भविष्य की सुरक्षा के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को समुह बीमा योजना (GIS) में जोड़ा जावें इस हेतु नीति निर्धारण किया जायें। - अनुकम्पा नियुक्ति कार्यकर्ता, सहायिका के आकस्मिक मृत्यु होनें पर परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दिया जायें।
- मंहगाई भत्ता :- मानदेय को मंहगाई भत्ता के साथ जोड़ा जायें। मंहगाई भत्ता स्वीकृत किया जायें।
- पदोन्नति बाबत् :- वर्षों से अल्प मानदेय में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकतर्ता द
सहायिकाओं को पदोन्नति के पद रिक्त होनें के बाद भी 50 प्रतिशत का प्रतिबंध होने के कारण हमें इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। 50 प्रतिशत का बंधन को समाप्त किया जाये और कार्यकर्ता को बिना उम्र बंधन के वरिष्ठता कम में बिना परीक्षा के सुपरवाईजर के रिक्त सत् प्रतिशत पद पर लिया जायें इसी तरह सहायिका को भी 50 प्रतिशत के बंधन को समाप्त कर कार्यकर्ता के पद रिक्त होनें पर सत् प्रतिशत वरिष्ठता क्रम में कार्यकर्ता के पद पर मनोनित किया जावें।
- सभी केन्द्रों में गैस सिलेन्डर और चुल्हा प्रदान किया जायें और इसकी रिफलिंग की व्यवस्था सुगम बनाया जायें।
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