शत्रुघन सिन्हा ब्यूरो चीफ
धमतरी / तिर्रा।ग्राम पंचायत तिर्रा में रविवार को गोवर्धन पूजा को लेकर कार्यक्रम हुआ। शाम के समय ग्रामीणों की उपस्थिति में गोवर्धन पूजन हुआ। ग्रामीण रेवा यदु ने बताया कि गोवर्धन पूजा के पूर्व यदुवंशियों द्वारा यहां सुरहोती के अगले दिन गोवर्धन पूजा और उसके बाद के अगले दिन को मातर कहा जाता है,मातर में मां का अर्थ है माता और तर की अर्थ है यानी उनकी शक्ति को जगाना इस पर्व में गाय की पूजा की जाती है,लोगों को आमंत्रित किया गया। मातर महोत्सव का आयोजन हुआ।
शाम के समय गोवर्धन पूजा हुआ। इसके बाद गोबर से बने गोवर्धन को एक दूसरे के माथे में तिलक लगाकर सुख, समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा गया। आज रविवार को गांव में मातर का आयोजन किया गया धूमधाम से गोवर्धन और गो माता की पूजा की गई। लोग सुबह से ही अपने घर की गाय सहित अन्य मवेशियों को नहलाकर पूजा की तैयारी में जुट गए थे। इससे माहौल भक्तिमय बना रहा। छत्तीसगढ़ में दीपावली पर्व के साथ ही गोवर्धन पूजा और भाई दूज का पर्व बड़े ही धूमधाम मनाई जाती है,छत्तीसगढ़ में गोवर्धन पूजा के 1 दिन बाद यदुवंशी धूमधाम से मातर मनाते हैं. तिर्रा के ग्रामिन पिछले कई दशकों से मातर की परंपरा मानते आ रहा है,इस कार्य को पूरा करने के लिए फूडहर देवता की पूजा की जाती है. यह परंपरा पुरातन काल से चली आ रही. इस दिन गाय के बछड़े की पूजा की जाती है.कार्यक्रम में मुख्यातिथि श्री ब्रह्मानन्द नेताम पूर्व विधायक ,ग्राम प्रमुख कामता प्रसाद निषाद, शोहदरा बाई साहू ,रमेश निषाद , देवानंद कुरेटी अध्यक्ष,महेंद्र निषाद ,टीकम लाल मंडावी,राधे लाल , बड़ी संख्या में मातर पर्व को देखने भीड़ बनी रही ,