सूबे की भाजपा सरकार आदिवासी क्षेत्र में आदिवासी हितों को लेकर गंभीर नही _सीपीआई
तेलंगाना से बेदखल हुए बस्तर के आदिवासियों की तत्काल संज्ञान में ले सरकार और उनके सुरक्षित और उचित बसाहट की व्यवस्था करें _सीपीआई
बीजापुर ट्रैक सीजी न्यूज जिला ब्यूरो चीफ
भाकपा जिला सचिव कमलेश झाड़ी ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि। विगत कई वषों पूर्व बस्तर के अंदर भाजपा काग्रेस ने मिलकर नक्सली उन्मूलन के नाम से सलवाजुडूम नामक आंदोलन चलाया गया था जो उग्र और दमनकारी था जिससे प्रभावित होकर बस्तर के कई आदिवासी पड़ोसी राज्यों में पलायन कर गए जिसमें खासकर अधिक से अधिक आंध्र तेलंगाना उड़ीसा में तकरीबन एक लाख से अधिक लोग पलायन कर जंगलों में बसने लगे और कुली मजदूरी कर अपना जीवनी यापन कर रहे थे।
समय समय पर इन्हें वापस लाने की माँग राजनैतिक दलों द्वारा सरकार से करते आ रहे थे लेकिन भाजपा काग्रेस की किसी भी सरकार ने इसपर ध्यान नही दिया। जिसका खामियाजा आज बस्तर के आदिवासी भुगत रहे हैं वे जानवरों की तरह जीवन जीने को मजबूर हैं। उनकी सुध लेने वाले कोई नही।
सूबे की पूंजीवादी परास्त सरकारें यहां के आदिवासियों को उनके ज़मीन छीनने के उद्देश्य से वोट की राजनीति कर सिर्फ़ उन्हे पलायन करने को मजबूर किया है । जिसका सीपीआई कढ़ी निंदा करती है।कल तेलंगाना में बस्तर के आदिवासियों के साथ हुए बर्बरता की सीपीआई कड़ी निंदा करती है ।
वहीं सीपीआई जिला सचिव कमलेश झाड़ी ने इस सारे मामले को लेकर भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है की सूबे की विष्णु देव वाली भाजपा सरकार आदिवासी क्षेत्र में आदिवासी हितों को लेकर गंभीर नही है। वे सिर्फ़ देश के पूंजीवादियों की दलाली कर रही है और यहां के आदिवासियों को नक्सल के नाम से बेदखल कर इनके ज़मीनों को बड़े कार्पोरेट के हवाले करना चाहती है। यह मौजूदा सरकार कि प्रमुख नीति है जिसका भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी विरोध करती है।
साथ ही सीपीआई मांग करती है कि, हल ही में तेलंगाना से बेदखल हुए बस्तर के आदिवासियों की, सरकार तत्काल संज्ञान में ले और उनके स्थाई रुप से रहने एवं जीवन निर्वाह के साधनों की भी उचित व्यवस्था करें।