प्रशासन की सजगता से मिला महिला को बिछड़ा परिवार
अनूपपुर 14 अक्टूबर 2024/ महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विनोद कुमार परस्ते द्वारा जानकारी दी गई है कि 19 सितम्बर 2024 को दूरभाष के माध्यम से नगरपालिका अनूपपुर के वार्ड क्रमांक 12 के निवासी श्री प्रभात कुमार परस्ते द्वारा सूचना दी गई की एक महिला वार्ड क्रमांक 12 की आंगनबाड़ी के सामने शिव मंदिर के प्रांगण में बैठी है, जो सामान्य नहीं लग रही है। जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा तत्काल महिला एवं बाल विकास विभाग की सहायक संचालक श्रीमती मंजूषा शर्मा के नेतृत्व में वन स्टॉप सेन्टर की टीम द्वारा महिला को रेस्क्यू कर जिला चिकित्सालय अनूपपुर में प्राथमिक उपचार हेतु भर्ती कराया गया। इसके पश्चात् जिला चिकित्सालय अनूपपुर से 20 सितम्बर 2024 को डिस्चार्ज के उपरांत वन स्टॉप सेंटर में प्रवेश कराया गया तथा महिला के पतासाजी हेतु काउंसलिंग की गई। महिला बांग्ला भाषा बोल रही थी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अनूपपुर में कार्यरत श्री संजय विश्वास एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सीमा विश्वास द्वारा महिला की काउंसलिंग की गई। जिसमें प्राथमिक रूप से यह पता चला कि महिला का नाम श्रीमती रायमुनी (महेश्वरी मुर्मू) है, जो ग्राम विचित्रपुर पोस्ट कुकई थाना केश्यारी जिला पश्चिम मिदिनापुर (पश्चिम बंगाल) की निवासी है। वन स्टॉप सेंटर के स्टाफ द्वारा उपरोक्त पते पर पतासाजी की गई। जिससे पता चला कि महिला के पति का नाम श्री निसीकान्तो है एवं उनकी दो बेटियां हैं। वन स्टॉप सेन्टर की काउंसलर द्वारा केश्यारी थाना प्रभारी उदयशंकर मंडल से संपर्क कर उनके सहयोग से महिला से संबंधित अन्य जानकारी प्राप्त की गई। प्राप्त जानकारी उपरांत महिला के पति निसीकान्तो एवं बड़ी बेटी से बात की गई। तत्पश्चात् 9 अक्टूबर 2024 को महिला को पुनर्वासित किए जाने हेतु टीम गठित की गई। टीम में महिला एवं बाल विकास विभाग के विधि सह परिवीक्षा अधिकारी श्री अशोक त्रिपाठी, महिला आरक्षक सुश्री शिवानी पाण्डेय एवं वन स्टॉप सेन्टर के केस वर्कर श्रीमती उर्मिला विश्वकर्मा की ड्यिूटी लगाई। यह टीम 11 अक्टूबर 2024 को पश्चिम बंगाल जाने हेतु रवाना हुए एवं 12 अक्टूबर 2024 को हीजली स्टेशन पश्चिम बंगाल पहुंचकर महिला रायमुनि को शक्ति सदन अधीक्षक (पश्चिम बंगाल) को सुपुर्द किया गया। महिला के अन्य राज्य, अन्य भाषी और दिमागी रूप से पूर्णतः स्वस्थ न होने के बावजूद बहुत कम समय में महिला को उसके परिवार में पुनर्वासित करने के इस पुनीत कार्य के लिए जिला पश्चिम मिदिनापुर (पश्चिम बंगाल) के वन स्टॉप सेंटर के अधिकारियों ने कार्य की सराहना करते हुए प्रशासन का आभार जताया है।