सरायपाली ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर
विकासखंड सरायपाली में नशा मुक्ति जागरूकता के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान का आयोजन किया गया, जिसमें 90 उच्च प्राथमिक शालाओं के बच्चों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। यह रैली सरायपाली के एसडीएम सुश्री नम्रता चौबे (IAS) के मार्गदर्शन में और विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रकाश चंद्र मांझी तथा बीआरसीसी सतीश स्वरूप पटेल के नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस रैली का मुख्य उद्देश्य समाज में बढ़ते हुए नशे की समस्या को रोकने और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने का था।
रैली के दौरान, बच्चों ने स्लोगन और पोस्टर लेकर नशा मुक्ति के नारे लगाए और विभिन्न गलियों में घूम-घूमकर नशा मुक्ति का संदेश दिया। “नशा एक गंभीर सामाजिक बुराई है, जिससे इंसान का अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है,” यह संदेश बच्चों द्वारा गांव के हर गली और मोहल्ले में फैलाया गया। नशा न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है बल्कि समाज और परिवार को भी बर्बाद करता है। इसी बात को लेकर नशा मुक्ति के नारों और स्लोगनों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया।
बच्चों के द्वारा गांवों में जाकर नशा मुक्ति अभियान को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए लाउडस्पीकर और स्लोगन बोर्ड का उपयोग किया गया। रैली में बच्चे “नशा छोड़ो, जीवन बचाओ” जैसे नारों के साथ गांव के हर कोने में पहुंचे। उनका उद्देश्य लोगों तक नशा मुक्ति का संदेश पहुंचाना था और यह बताना था कि नशा केवल नुकसानदायक है और इससे बचना जरूरी है।
रैली में गांव के गणमान्य लोग, सरपंच, पंच, युवाओं और महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और बच्चों के इस प्रयास की सराहना की। गांव के सरपंच ने इस अभियान को सराहनीय बताते हुए कहा, “नशा मुक्ति के लिए इस प्रकार की जागरूकता रैलियां न केवल बच्चों को बल्कि पूरे समाज को एकजुट करती हैं। जब समाज का हर व्यक्ति नशे से दूर रहेगा, तब ही हम एक स्वस्थ और मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकेंगे।”
माताओं ने भी इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई, क्योंकि वे समझती हैं कि नशा उनके परिवार और बच्चों के लिए कितना हानिकारक हो सकता है। इस अभियान से उन्हें न केवल जागरूकता मिली, बल्कि उन्होंने यह संकल्प भी लिया कि वे अपने परिवार के किसी भी सदस्य को नशे की गिरफ्त में नहीं आने देंगी।
शिक्षकों और संस्था प्रमुखों की अगुवाई में इस रैली को सफल बनाने में सभी ने अपना योगदान दिया। बच्चों की भागीदारी से यह संदेश साफ था कि आने वाली पीढ़ी नशे के खिलाफ जागरूक है और इसे समाज से खत्म करने के लिए कृतसंकल्पित है।
इस नशा मुक्ति जागरूकता रैली ने समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य किया और यह साबित किया कि जब बच्चे, शिक्षक और समाज मिलकर किसी बुराई के खिलाफ एकजुट होते हैं, तो वह निश्चित रूप से मिट जाती है। रैली का अंत नशा मुक्ति के संदेश और संकल्प के साथ हुआ, जहां सभी ने यह वचन लिया कि वे स्वयं नशे से दूर रहेंगे और अपने आस-पास के लोगों को भी इससे दूर रहने के लिए प्रेरित करेंगे।
नशा मुक्ति रैली का यह आयोजन न केवल बच्चों के लिए एक सीख थी, बल्कि पूरे समाज के लिए जागरूकता का संदेश था। इस प्रकार के प्रयासों से न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी नशे के दुष्परिणामों से बचाया जा सकता है।
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