जांजगीर चाम्पा/ट्रैक सीजी
जिले में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। एरिया प्रोजेक्ट मैनेजर अमित गौरहा की लापरवाही और गैरमौजूदगी ने न केवल इस योजना की सफलता पर बुरा असर डाला है, बल्कि स्लम क्षेत्र के निवासियों को मिलने वाली निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं को भी प्रभावित किया है। गौरहा के मनमाने रवैये से ना केवल शिविर स्थल का गलत निर्धारण हो रहा है, बल्कि दवाओं की कमी भी बढ़ती जा रही है और दिनों दिन मरीजों की संख्या में भी कमी आ रही है, जिससे मरीजों को सही उपचार नहीं मिल पा रहा है।
दरसल में जांजगीर-चांपा जिले में पदस्थ एरिया प्रोजेक्ट मैनेजर अमित गौरहा आये दिन अपने कार्यस्थल से नदारद रहने की वजह मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालन प्रबंधन में काफी दिक्कते आ रही है , एरिया प्रोजेक्ट मैनेजर के सही सामंजस्य नहीं होने की वजह से मोबाइल मेडिकल यूनिट में लगातार दवाओं की कमी बनी हुई है वही जनप्रतिनिधि पार्षद मितानिन एवं चिकित्सकों से बगैर सलाह मशवरा के मनमानी तरीके से शिविर स्थल निर्धारण करने की वजह से मरीज तक सही जानकारी नहीं मिल पाती । मोबाइल मेडिकल यूनिट में पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध नही होने की वजह से व एरिया प्रोजेक्ट मैनेजर द्वारा सही तरीके से सामंजस्य स्थापित नहीं करने की वजह से आए दिन बाद विवाद की स्थिति निर्मित होती रहती है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा कार्यवाही नहीं की जाने की वजह से एरिया प्रोजेक्ट मैनेजर के हौसले दिनों दिन बुलंद होती जा रहे हैं न जाने ऐसी क्या मजबूरी है कि आलाधिकारी कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहे हैं।
दवा कमी की शिकायत पर अतिरिक्त कलेक्टर ने लिया संज्ञान
वही गुरुवार को राछाभांठा नवागढ़ में कैंप के दौरान दवा उपलब्ध न होने की वजह से मरीज के द्वारा शिकायत अतिरिक्त कलेक्टर से की गई अतिरिक्त कलेक्टर ने तत्काल संज्ञान लेते हुए तहसीलदार नेतृत्व में टीम गठित कर मोबाइल मेडिकल यूनिट निरीक्षण के लिए भेजा गया जहां पर 170 प्रकार की दवाइयां में करीब 100 प्रकार दवाई उपलब्ध होने की जानकारी मिली हैं । वहीं जांच टीम के पहुंचने पर भी एरिया प्रोजेक्ट मैनेजर अनुपस्थित रहे। जांच में पहुँचे अधिकारी एवं मीडिया कर्मियों द्वारा उनका पक्ष जानने के लिए उनसे फोन के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश की गई तो वे किसी का फोन उठाना भी उचित नही समझें।
पूर्व में भी विवादों में रहे एरिया प्रोजेक्ट मैनेजर
यह पहली बार नहीं है कि गौरहा विवादों में घिरे हों। पूर्व में भी उनकी गैरहाजिरी और काम के प्रति लापरवाही को लेकर शिकायतें दर्ज की गई थीं, पूर्व में सारागांव सीएमओ द्वारा ड्यूटी में अनुपस्थित रहने एवं कार्य के प्रति लापरवाही के संबंध में कार्यवाही हेतु जिम्मेदार अधिकारियों को पत्राचार किया गया था वजूद उसके अब तक कार्यवाही ना हो पाई वही आज नवागढ़ नगर पंचायत अध्यक्ष के द्वारा भी कार्य स्थल पर नदारद होने एवं मनमर्जी तरीके से शिविर स्थल निर्धारित करने के संबंध में कलेक्टर समेत मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायत की है । जानकारी के अनुसार मोबाइल मेडिकल यूनिट पदस्थ कर्मचारी भी इनके रवैये से परेशान है। इनकी लापरवाही के संबंध में पूर्व में भी मोबाइल मेडिकल यूनिट में कार्यरत कर्मचारियों के द्वारा शिकायत की गई है लेकिन , कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई, इससे योजना की गुणवत्ता पर गहरा प्रभाव पड़ा है, और यह स्थिति तब तक नहीं सुधरेगी जब तक जिम्मेदार अधिकारी उचित कार्रवाई नहीं करते। सवाल यह है कि आखिर कब तक आलाधिकारी इस मुद्दे को अनदेखा करेंगे, और क्या अब मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद कोई ठोस कदम उठाया जाएगा?