महासमुन्द ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर
यह मामला जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर महासमुन्द ब्लाक के ग्राम पंचायत पचरी गांव का हैं। किस्त के इंतजार में लोग दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास योजना के पहली किस्त के लिए महासमुन्द जनपद के प्रधानमन्त्री आवास शाखा कई बार चक्कर काटते हो गया, मुख्यमंत्री आवास योजना के जो हितग्रही अजय कुमार टंडन वह मुखबधिर विकलांग हैं, इस लिए आवास के जानकारी लेने के लिए उसका भाई जाता हैं। जिसको प्रधानमंत्री शाखा कर्मचारियों के द्वारा जानकारी देने के बार बार गुमाया जा रहा हैं। क्योंकि चार बार हो गया पंचायत में दस्तावेज जाम करते हुए, लेकिन जब किस्त डाला जाता हैं तब पंचायत के सचिव और रोजगार सहायक से जानकारी लेने पर यही बताया जाता हैं कि तुम्हारा पहली किस्त रिजेक्ट हो गया हैं, लेकिन रिजेक्ट होने क्या करण हैं अभी तक पता नहीं चला है। और दो बार हो गया पहली किस्त रिजेक्ट होते हुए। इसके पता लगाने के लिए ही कम से कम 10 बार हो गया जनपद के चक्कर काटते। लेकिन मैं यह अनुभव किया हूं कि प्रधानमन्त्री आवास शाखा के कर्मचारियों का हितग्रहि और जानता को घुमाने बहुत तरीका है। क्योंकि जानकारी लेने के लिए कई बार अकेले गया हुं, और तीन बार हमारे गांव सरपंच,सचिव के साथ भी गया हुं लेकिन अभी रिजेक्ट होने करण पता नहीं चला है। सरपंच के साथ दिनांक 24/08/2024 को प्रधानमन्त्री आवास शाखा गया था, उस दिन वहा के कर्मचारियों के द्वारा कहा गया कि आज मुख्यमंत्री आवास योजना का सर्वर नही है। फिर मैं अकेला गया 08/09/2024 को उस भी जवाब दिया गया कि आज बहुत काम बाद आना। फिर उसके बाद सचिव के साथ गया था दिनांक 19/09/ 2024 को उस दिन भी बोला की आज मुख्यमंत्री आवास योजना का सर्वर नही है, फिर एक मेडम के द्वारा सचिव को बोला की आप इन दोनों का आधार कार्ड मेरे वाटशाप कर दो शाम तक चेक कर दूंगा, लेकिन अभी तक कोई जवाब नही मिला। आज मैं फिर गया दिनांक 24/09/2024 को जवाब दिया कि मुख्यमंत्री आवास योजना का सर्वर नही है। क्या इसलिए सरकार इन कर्मचारियों मनमानी करने के लिए बैठाया या जनता के काम करने के लिए या परशन परशान करने के लिए। और प्रधानमन्त्री आवास शाखा के कर्मचारियों के द्वारा जानता से दबाव पूर्वक ही बात करते हैं। वही आरोप है कि अधिकारी सचिव, सरपंच का नही सुनते हैं तो जनता क्या है। जनता का आरोप हैं अधिकारी भी उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहे है।