ज्ञापन सौंपकर की बस्तर को माओवादी आतंक से मुक्त करने की मांग
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लाल आतंक के विरोध में दिल्ली तक आने के साहसिक कार्य के लिए की सराहना
गृहमंत्री ने कहा – मार्च 2026 तक होगा बस्तर से नक्सलवाद का सफाया, आगामी 03 माह में विकास के नये मॉडल के साथ करेंगे नक्सलवाद के अंत और पीडितों के रोजगार पर कार्य
दिनेश के.जी. जगदलपुर, दैनिक ट्रैक सीजी।
भारत की आजादी के बाद पहली बार बस्तर में नक्सलवाद का दंश झेल रहे मासूम ग्रामीण चार दशक बाद बस्तर शांति समिति के बैनर तले अपनी विडंबना लिए भारत की राजधानी दिल्ली पहुंचे। जहाँ गुरूवार को नक्सल पीडित ग्रामीणों ने दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर शांति पूर्वक मौन प्रदर्शन कर अपना विरोध भी जताया। इस दौरान केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निवास में नक्सल हिंसा पीडितों ने बस्तर शांति समिति के सदस्य जयराम दास और मंगाऊराम कांवडे के नेतृत्व में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और अपनी आपबीती व समस्याओं पर वन-टू-वन विस्तृत चर्चा भी की। साथ ही बस्तर को माओवादी आतंक से मुक्त कराने विषयक ज्ञापन भी गृहमंत्री अमित शाह को सौंपा।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं 11 वर्षों से अपने सरकारी निवास में निवासरत् हूँ। इस दौरान काफी बड़े लोग मेरे मेहमान बनकर आए लेकिन आज आप लोगों से मिलकर मैं भावुक हूँ। मैं आप लोगों से वादा करता हूँ कि मार्च 2026 तक बस्तर नक्सल मुक्त हो जायेगा। आगामी तीन माह में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए नया मॉडल तैयार होगा, साथ ही नक्सल पीडित ग्रामीणों को रोजगार से जोड़ा जायेगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सल पीड़ित ग्रामीणों को साहस का परिचय देते हुए दिल्ली आने पर उनकी सराहना की। साथ ही बस्तर शांति समिति की प्रशंसा भी की।
ज्ञात हो कि इन चार दशकों में बस्तर में 8000 से अधिक निर्दोष लोगों ने वेवजह अपनी जानें गवाई हैं। तकरीबन 1000 से अधिक निर्दोष ग्रामीण विकलांग हो चुके हैं। जिनकी पीड़ा और आपबीती सुनकर सिहरन होने लगती है।