ध्वनि प्रदूषण प्रकृति और स्वास्थ्य दोनो के लिए खतरनाक..श्रद्धा पुरेंद्र साहु
भिलाई (ट्रेक सीजी न्यूज/सतीश पारख)
कुछ दिनों से प्रदेश भर में चर्चित डीजे पर प्रतिबंध विषय पर पर्यावरण के प्रति सदैव सजग समाज सेविका श्रद्धा पुरेंद्र साहू ने पुर्ण समर्थन किया है ।उन्होंने कहा की धार्मिक और सार्वजनिक स्थलों पर अंधाधुंध तरीके से डीजे की फूहड़ता ना सिर्फ पर्यावरण अपितु हमारे स्वास्थ्य के लिए भी भारी खतरनाक है ।डीजे पर प्रतिबंध लगाकर सरकार और प्रशासन दोनों ने महिलाओं एवं युवा वर्ग का मान बढ़ाया है। डीजे की ध्वनि इतनी ज्यादा खतरनाक एवं जानलेवा जैसे- ब्रेन हेमरेज ,दिल का दौरा पड़ना और बहरेपन जैसी अनेक कई गंभीर बीमारियों का शिकार कर रही है ।
क्योंकि डीजे की फूहड़ता दिनों दिन बढ़ती जा रही थी और हमारे युवा वर्ग डीजे के कारण हमारी संस्कृति और हमारे देवी देवताओं की भक्ति के ऊपर प्रश्न चिन्ह लगाते जा रहा है , धार्मिक आयोजनों में भी फूहड़ गाने और फूहड़ डांस हमारे संस्कृति के लिए खतरा बनती जा रही । विसर्जनो में आप देखिए लोग देवी देवता विसर्जन के लिए जाते हैं किंतु किस तरह के गाने बजते है और लोग नशे में धूम होकर नाचते है यह सब हरकतें समाज को भावी पीढ़ी को किस दिशा की ओर ले जा रहीं है यह आज समाजों के लिए सोचनीय विषय बन गया है । श्रध्दा साहू ने कहा की लाइट और डीजे की चकाचौंध के कारण अपने देवी- देवताओं को रात भर विसर्जन के दौरान घुमाते रहते है कोई समय सीमा निर्धारित नहीं रह गई है ।यह कैसी भक्ति है, जब पूरा ब्रह्मांड सोता है और पॉजिटिविटी की ओर होता है तब हमारा युवा वर्ग नशे में चूर डीजे की फूहड़ता में डांस करते हुए निगेटिव ऊर्जा प्रकृति में घोलता रहता है जो गलत है। उन्होंने देव प्रतिमाओं के नदी- तालाब में विसर्जन करने को भी सरासर गलत बताया और कहा की जिस तरह प्रतिमाएं नदी नालों में फेंक कर विसर्जित की जाति है यह कुछ दिनों की सेवा के बाद उनका विर्सजन के समय अपमान ही है । प्रतिमाएं छोटी हो मिट्टी की हो और उन्हे घर पर ही या एक स्थान पर जल की सुरक्षा करते हुवे कम जल में विसर्जित किया जाना चाहिए बड़ी बड़ी प्रतिमाएं स्थापित कर उनका विसर्जन के समय अपमान करना अपनी धार्मिक शक्तियों का अपमान करना है । उन्होंने कहा की डीजे पर बैन के बाद इस वर्ष 2024 का गणेश विसर्जन एक ऐतिहासिक और गरिमापूर्ण विसर्जन साबित हुआ है, सभी जगहों पर पारंपरिक ढोल ताशा एवं नगाड़े के साथ शांति पूर्वक भगवान का विसर्जन किया जा रहा हैं जो बहुत ही सराहनीय एवं मानवीय तथा नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने वाला कदम है।
ज्ञात हो की श्रद्धा साहू पिछले कई वर्षों से पर्यावरण प्रदूषण पर काम कर रही है और उनका मानना है कि ध्वनि प्रदूषण भी जानलेवा साबित हो रहा है ।उन्होंने कहा की डीजे को प्रतिबंधित करके निश्चित ही इस जानलेवा ध्वनि प्रदूषण से हम बच सकते हैं और अपनी युवा पीढ़ी को तथा अपनी संस्कृति और संस्कार को पारंपरिक गीत- संगीत से संजोकर उसका सम्मान बरकरार रख सकते हैं।