कमिश्नर के नाम से भी वसूली
बीजापुर ट्रैक सीजी न्यूज जिला ब्यूरो चीफ
हमेशा से सुर्खियों में रहे बीजापुर जिले में एक नया सनसनी मामला सामने आया है जिले में कुछ विभागों में वसूली का अड्डा बना लिया है।
इनमें से एक शिक्षा विभाग वसूली के मामले में अव्वल दर्जे पर आ गया है। आदिवासी विकास शाखा के आश्रम शालाओं में आदिवासियों बच्चों को देने वाली सुविधाओं पर सीधा डाका डाला जा रहा है उसे विभाग में नियुक्त ओहदेदारों के द्वारा अधिकारियों के नाम से मोटी रकम वसूली कि जा रही है। सोसल मिडिया पर एक आडिओ वाइरल हुआ है उसमे मंडल संयोजक के द्वारा साहब से लेकर कमिश्नर साहब तक पैसे देने फिरौती मानकर अधीक्षिका पर दबाव डाला जा रहा है खुले तौर पर वसूली का मामला सामने आने कि बाद बीजापुर जिला एक बार फिर और सुर्खियों मे आ गया है। धुर नक्सल प्रभावित जिला होने के नाते बीजापुर जिले में केंद्र व राज्य सरकार से स्वस्थ, शिक्षा, डीएमएस व अन्य विभागों मे विकास के लिए करोड़ों रुपए आबंटित होते हैं। लेकिन किस तरह से यह विकास के नाम पार विनाश हो रहा है बड़े पैमाने पर बड़ी रकम का सौदा किया जा रहा है ऑडियो मे मंडल सयोजक कह रहे है कि मेरे आगे और ऊपर भी तो बहुत लोग है उन्हें मै कहा से दूंगा कह रहे है कि अभी कमिश्नर साहब के लिए 15 हजार देना है पहले 50 दिए फिर 25 दिए है स्क्रैल ज़मा करने समय उसका पैसा भी मंडल कह रहे है कि उसका पैसा भी मुझे देना है। समायोजन का लगेगा उसका भी देना पड़ेगा उसको भी मै लूंगा।
कमिश्नर के नाम से भी वसूली
कमिश्नर के नाम से शिक्षा विभाग के मंडल सयोंजक खुले तौर पर कह रहे है कि 15 हजार रुपए कमिश्नर साहब को देने है इसके लिए हर आश्रम शालाओं से 15 हजार रुपए मांगे जा रहे है। वायरल ऑडियो में बताया जा रहा है कि कुछ लोगो नें पैसे ज़मा कर दिए है। कहा जा रहा है कि शिक्षा विभाग से किस्तों मे पैसे लेकर अधिकारियो तक पंहुचा रहे है। यह पैसा कहा किस जगह से निकलकर दे रहे है यह कहना बिलकुल भी नागवार नहीं होगा कि आदिवासी बच्चो के निवाले पर डाका डालकर पैसा पंहुचा रहे है यह सब किसके कहने से किया जा रहा है यह जाँच का विषय है।