उतई (ट्रेक सीजी न्यूज/सतीश पारख)
परियोजना दुर्ग ग्रामीण के ग्राम पंचायत धनोरा में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अजय शर्मा,जिला महिला बाल विकास अधिकारी सुश्री शैल ठाकुर के मार्गदर्शन में जिला स्तरीय मिशन वात्सल्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें घरेलू हिंसा, एक युद्ध नशे के विरुद्ध,बाल विवाह, भिक्षावृत्ति, गुड टच बैड टच, स्पॉन्सरसीप, दत्तक ग्रहण और फास्टर केयर के बारे में लोगों को जागरूक किया गया। कार्यक्रम में नवा बिहान से संरक्षण अधिकारी सुश्री प्रीति बाला शर्मा ने घरेलू हिंसा के बारे में लोगों को जागरुक करते हुए बताया कि एक ही छत के नीचे साझी गृहस्थी में निवासरत कोई व्यक्ति किसी महिला के साथ शारीरिक,मानसिक,भावनात्मक,मौखिक हिंसा करता/करती है। अगर कोई महिला इस तरह से पीड़ित है तब आंगनवाड़ी,परियोजना कार्यालय, जिला कार्यालय या सखी वन स्टाफ सेंटर से संपर्क करके अपनी समस्या से अवगत करा सकती हैं ।चाइल्ड लाइन की टीम से आशीष ठाकुर एवं प्रकाश चंद्र पटेल ने बताया कि 0 से 18 वर्ष के सभी बच्चों की सहायता के लिए 24*7 टोल फ्री नंबर 1098 पर भारतवर्ष में कहीं भी कॉल किया जा सकता है। यह नंबर चार अंको का इसलिए रखा गया है ताकि बच्चों को आसानी से याद हो सके और मुसीबत के समय बच्चे इस नंबर पर मदद ले सके। यह संस्था सीएनसीपी बच्चे जिन्हे उचित देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता होती है, उनको संरक्षण प्रदान करते हैं। जिला बाल संरक्षण इकाई के द्वारा एक युद्ध नशे के विरुद्ध,फास्टर केयर के विषय पर चर्चा लोकमणि साहू एवम् सीता कन्नौजे के द्वारा की गई जिसमें उन्होंने बताया कि किसी भी बालक को नशीले पदार्थ देने या बेचे जाने हेतु बाध्य करना,भिक्षावृत्ति करवाना एक दंडनीय अपराध है। स्पॉन्सरशिप योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के परिवारों को अनुपूरक सहायता के रूप में शासन के द्वारा धनराशि प्रदान किया जाता है,इसके साथ साथ गुड टच बैड टच के बारे में विस्तार से चर्चा की गई,पालकों के द्वारा अगर बच्चों को छोटे उम्र में ही इस बारे में जागरुक कर दिया जाए तो बहुत सारी अनचाही स्थितियों से बचा जा सकता है। महिलाओं को उनके कानूनी अधिकार की जानकारी देते हुए पंडित विभा मिश्रा ने अपने उद्बोधन में बताया कि दुनिया में कोई भी ऐसी समस्या नहीं है जिसका समाधान संभव नहीं है। घर के छोटे-छोटे कलह को आपसी सुलह से खत्म किया जा सकता है अगर बहुत जरूरी हो तभी न्यायालय की शरण लेनी चाहिए। कार्यक्रम में परियोजना अधिकारी दुर्ग ग्रामीण श्री मती उषा झा, दुर्ग ग्रामीण से पर्यवेक्षक देवकी साहू, रेखा लोनारे, इंदु मिश्रा,प्रमिला वर्मा, सोनल सोनी,ममता साहू, तृप्ति शर्मा ,उतई एवं हनौदा सेक्टर की सभी कार्यकर्ताएं तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं की भागीदारी रही।