शशी रंजन सिंह
सूरजपुर (ट्रैक सी.जी. जिला ब्यूरो चीफ) :–एसईसीएल प्रबंधन द्वारा भूमि अधिग्रहण के वर्षों बाद भी भू-स्वामियों के नौकरी व मुआवजा के मामले का निराकरण नहीं किया गया है। इस मामले में प्रभावित पंचायतों के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों द्वारा गायत्री खदान में अल सुबह पहुंचकर ताला बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी गई है। अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से बुधवार को प्रबंधन को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है।गौरतलब है कि पिछले दिनों खदान प्रभावित गांवों के जनप्रतिनिधि व ग्रामीणों द्वारा एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के आरजीके सहक्षेत्र प्रबंधक को ज्ञापन देकर उल्लेख किया गया था कि आरजीके भूमिगत कोयला खदान सहक्षेत्र अंतर्गत कोयला प्रभावित ग्राम के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
कोयला खदान (SECL mines locked) के लिए अधिग्रहित भूमि के स्वामियों को नौकरी एवं मुआवजा जल्द दिलाया जाए। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया था कि 4 से 5 माह पूर्व प्रभावित ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों व एसईसीएल के अधिकारियों की उपस्थिति में ग्राम पंचायत गेतरा सब एरिया ऑफिस में बैठक हुई थी।बैठक में क्षेत्रीय महाप्रबंधक द्वारा जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया गया था कि कोयला खदान (SECL mines locked) के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण में भू स्वामियों को पात्रतानुसार नौकरी एवं मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा।
पूर्व महाप्रबंधक एसईसीएल बिश्रामपुर द्वारा कहा गया था कि वर्ष 2023 तक जिन लोगों का भूमि अधिग्रहण किया गया है, उनको मुआवजा की राशि एवं 159 भूमि स्वामियों को नौकरी दे दी जाएगी। बावजूद इसके आज तक न तो नौकरी मिल पाई है और न ही मुआवजा राशि, इससे भू स्वामियों में आक्रोश व्याप्त है।इसी मुद्दे को लेकर 4 सितंबर की सुबह करीब 6 बजे प्रभावित गांवों के लोगों सूरजपुर जनपद अध्यक्ष पुष्पा सिंह, भाजपा नेता संत सिंह, दरोगा सिंह व गेतरा सरपंच गिरधारी सिंह के नेतृत्व में गायत्री खदान पहुंचकर मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया। इसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।आंदोलन की सूचना मिलते ही एसईसीएल प्रबंधन की ओर से डिप्टी जीएम संजय सिंह, सर्वे अधिकारी अंजीत सिंह, सब एरिया मैनेजर यूएन झा, जेडी सिंह के अलावा प्रशासन की ओर से तहसीलदार समीर शर्मा, मानी नायब तहसीलदार प्रियंका रवि ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को घंटों समझाइश दी। बावजूद इसके अपनी मांगों को लेकर ग्रामीण अड़े रहे और मांग पूर्ण होने तक आंदोलन (SECL mines locked) जारी रखने की बात कही।आंदोलनकारियों ने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत गायत्री खदान में ताला बंद करके अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की गई है। इसी तरह अब 5 सितंबर गुरुवार को केतकी खदान में भी प्रभावित गांवों के लोगों द्वारा मुख्य द्वार पर ताला बंद करके हड़ताल शुरू की जाएगी।ग्रामीणों का कहना है कि एसईसीएल प्रबंधन द्वारा मांगों पर केवल झूठा आश्वासन देकर अपने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया जाता है। इस बार जब तक कोई जिम्मेदार अधिकारी या जनप्रतिनिधि यहां आकर मांगों को पूर्ण नहीं कराएंगे तब तक हड़ताल (SECL mines locked) जारी रहेगी।
इस दौरान अमित सिंह, मोहरमनिया, सोनामनी सिंह, अवधि सिंह, शिवराम सिंह, अंजन दास, गुलाब दास, बघोलन राम, कामता सिंह, बलिंदर राजवाड़े, उमाशंकर देवांगन, सुरेंद्र सिंह, कुंभकर्ण, मोती सिंह, सुरेंद्र राजवाड़े, मूलचंद सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों द्वारा गायत्री खदान में सुबह से ही तालाबंदी किए जाने की वजह से करीब आठ सौ टन कोयला उत्पादन प्रभावित हुआ है।