केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित बचेली से गढ़चिरौली व्हाया बीजापुर रेल लाइन का भी किया विरोध
5 सूत्रीय मांगो को लेकर 76 गांव के हजारों ग्रामीण पहुचे ब्लाक मुख्यालय सौपा ज्ञापन
90 कि दशक मे भी हुआ था विरोध।
रैली के दौरान कांग्रेसी नेता एंव जिला पंचायत सदस्य बसंत टाटी भी रहे मौजूद ओर ग्रामीणों की मांग को ठहराया जायज
बीजापुर ट्रैक सीजी न्यूज जिला ब्यूरो चीफ
नेशनल पार्क इलाके के 76 गांव के हजारों ग्रामीण 5 सूत्रीय मांगो को लेकर ब्लाक मुख्यालय पहुंच कर राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम एसडीएम भोपालपटनम को ज्ञापन सौपा है।
सेड्रा इलाके के एडपल्ली, केरपे, सेंड्रा बड़ेकाकलेट,
जयगुर,सकनापली, केतुलनार, मन्डेम, पैकरम, करकेली, बेदरे, रानीबोदली, फरसेगड़ा, मोरमेड़,इन पंचायतों के 76 गांव के हजारों ग्रामीण 90 किमी पैदल चलकर तहसील कार्यालय मे प्रदर्शन करने पहुचे है। प्रदर्शनकारियों नें राष्ट्रपति भारत सरकार छत्तीसगढ़ राज्यपाल, मुख्य मंत्री, वन मंत्री, बस्तर सांसद क्षेत्रीय विधायक के नाम अनुविभागीय अधिकारी ज्ञापन सौपा है ग्रामीणों का कहना है कि इद्रावती टाइगर रिजर्व कोर क्षेत्र में पुरखों से निवासरत आदिवासियों को वहा से उजाड कर विस्थापन पुनर्वास करने दैनिक अखबारों एवं जिला कलेक्टर उप निदेशक इंद्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर द्वारा ज्ञापन प्रकाशित किया गया है। उनका कहना है कि यहां के मूल निवासी के रूप में जल जंगल जमीन पंरपरा बोली भाषा संस्कृति की रक्षा करते हुए पॅन टोटेम व्यवस्था के अंतर्गत खेती खनिहानों, मोहआ, टोरा, तेन्दूपत्ता, संग्रहण कर जीवन यापन करते है। सेड्रा इलाके के ग्रामीणों नें विस्थापन पुनर्वास नीति का विरोध किया है हम जान देंगे पर जमीन नहीं छोड़ेंगे बात ग्रामीणों नें कही है। इस प्रदर्शन मे सेंड्रा सरपंच वासम शशिकला, गोटा एल्लुबाई,वाचम सरिता, सुकना कावरे,जनपद सदस्य,कुम्मा सम्मिबाई,पूर्व सरपंच मिच्चा समैया, जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी,मिच्चा मुतैया, अशोक मड़े, आदिवासी नेता जग्गू तेलम, अशोक तलाण्डी, अफ़ज़ल खान, कान्तैया, कामेश्वर राव गौतम, व बड़ी संख्या मे ग्रामीण उपस्थित रहे।
यह रही प्रमुख मांगे-:
1 इन्द्रावती टाइगर रिजर्व कोर क्षेत्र के 76 गाँव का विस्थापन / पुनर्वास नही किया जाए।
2 पांचवीं छठवी अनूसूची पेशा लागू कानून को पूर्णतः पालन करते हुए कारपोरेट अदानी अंबीनी को जमीन जमीन देना बंद किया जाए।
3 जान देंगे पर जमीन नहीं यथावत रहेंगे।
4 आदिवासियों को विकास के नाम पर विस्थापन करने बंद करो।
5 जल जंगल जमीन परंपरा पर निर्भर रह कर निवासरत पुरखों ने पर्यावरण को दृष्टिगत रखते हुए बचेली से गढ़चिरौली रेल मार्ग प्रस्ताव रद्ध किया जाए।
90 कि दशक मे एक माह तक हुआ था विरोध।
विस्थापन का विरोध मे 1995-96 मे भी सेड्रा इलाके के हजारों ग्रामीणों नें ब्लाक मुख्यलाए मे आकर 1 महीने तक विरोध प्रदर्शन किए है तब जाकर विस्थापन कि प्रक्रिया थम गई थी फिर दुबारा पूर्णवास कि खबर के बाद ग्रामीण सचेत हो गए है मंगलवार को हजारों ग्रामीणों नें प्रदर्शन किया है।