-समूह की दीदियों द्वारा 1000 से ज्यादा राशि यूजर चार्ज के रूप में की जा चुकी है संकलित
-खुले में शौचमुक्त गांव बनने के बाद अब अनरोखा प्लास्टिक एवं कूड़ा-करकट मुक्त ग्राम पंचायत भी बन गया है
-अनरोखा के वन्दना महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं सफाई मित्र के रूप में घर-घर जाकर कर रहीं हैं कचरा संकलित
-सेग्रीगेशन शेड यानी ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र में संकलित कचरे में से उनकी प्रकृति के हिसाब से उन्हें किया जा रहा है अलग
-कूड़े-कचरे के रूप में प्राप्त पॉलीथिन, खाद्य सामग्रियों के पैकिंग रैपर, प्लास्टिक के सामान, लोहे का कबाड़ एवं कांच जैसे ठोस अपशिष्टों को अलग-अलग करने के बाद कबाड़ी वालो के पास किया जाता है विक्रय
शशी रंजन सिंह
सूरजपुर (ट्रैक सी.जी. जिला ब्यूरो चीफ) :–स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ,मनरेगा और 15 वे वित्त के अभिसरण से बने सेग्रीगेशन शेड ने जिले के जनपद पंचायत भैयाथान के ग्राम पंचायत अनरोखा की सूरत बदल दी है। इस ग्राम पंचायत में 20 वार्ड है जिसकी जनसंख्या लगभग 1975 है। जहां की ‘स्वच्छता दीदियां’ कचरे का निस्तारण कर गांव की सड़कों, गलियों और चौक-चौराहों को स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। खुले में शौचमुक्त गांव बनने के बाद अब अनरोखा प्लास्टिक एवं कूड़ा-करकट मुक्त ग्राम पंचायत भी बन गया है। सड़कों, गलियों और चौक-चौराहों पर फेंके जाने वाले कचरे को वहां की स्वसहायता समूह की महिलाओं ने अतिरिक्त कमाई का जरिया बनाया है। पिछले छह माह से इस समूह के द्वारा ग्राम में कचरे के निस्तारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।
डोर टू डोर, दुकानों, संस्थानों से कचरा संग्रहण तथा अलग-अलग कर निस्तारित करने का काम इन महिलाओं के लिए सहज-सरल नहीं था। शुरुआत में जब वे रिक्शा लेकर कचरा संकलन के लिए घर-घर जाती थीं, तो लोग उन्हें ऐसे देखते थे जैसे वे कोई खराब काम कर रही हों।
लोगों की हिकारत भरी नजरों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और ग्राम पंचायत के सहयोग से इस काम को जारी रखा। इनके काम से गांव लगातार साफ-सुथरा होते गया, तो लोगों का नजरिया भी बदलने लगा। अब गांव वाले इन्हें सम्मान के साथ ‘स्वच्छता दीदी’ कहकर पुकारते हैं।
अनरोखा के वन्दना महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं सफाई मित्र के रूप में घर-घर जाकर कचरा संकलित करती हैं। सेग्रीगेशन शेड यानी ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र में वे संकलित कचरा में से उनकी प्रकृति के हिसाब से उन्हें अलग-अलग करती हैं।
कूड़े-कचरे के रूप में प्राप्त पॉलीथिन, खाद्य सामग्रियों के पैकिंग रैपर, प्लास्टिक के सामान, लोहे का कबाड़ एवं कांच जैसे ठोस अपशिष्टों को अलग-अलग करने के बाद कबाड़ी वालो को बेच दिया जाता है। समूह की दीदियों द्वारा अब तक 1000 से ज्यादा राशि यूजर चार्ज के रूप में संकलित की जा चुकी है।ग्राम पंचायत द्वारा भी अभी 15वें वित्त से सहयोग प्रदाय किया जा रहा है, जिसे इनका रोजगार का एक माध्यम बना है, ग्राम पंचायत द्वारा भी लगभग 20000 हजार रुपए राशि मानदेय के रूप में 15वें वित्त मद से प्रदाय किया गया है। सभी स्वच्छता दीदियों का सफाई कर्मकार के रूप में श्रम विभाग में पंजीयन कराया गया है। जिससे उन्हें और उनके आश्रित सदस्यों को कई लाभ मिलेंगे। 15 वा वित्त अभिसरण से निर्मित इस परिसम्पत्ति से गांव में स्वच्छता अभियान को नई दिशा मिली है। साथ ही गांव की 3 महिलाओं को रोजगार का नया मार्ग भी मिला है।