महासमुंद ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर चेन्नई में चल रहे स्पेस किड्ज़ इंडिया का “यंग साइंटिस्ट इंडिया” अवार्ड 2023-24 के ग्रैंड फिनाले में बच्चों को अंतरिक्ष यात्रियों से मिलने का अवसर मिला। 23 अगस्त के इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ महासमुंद की बेटियां जो शासकीय आशी बाई गोलछा कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महासमुंद की छात्राएं जागृति कुर्रे तथा देविका कुर्रे ने कार्यक्रम के विशेष अतिथि रूस के अंतरिक्ष यात्री सेर्गेय कोर्साकोव तथा कज़ाख अंतरिक्ष यात्री एडीएन एम्बेटोव को तिलक एवं माला पहनाकर तथा जय जोहार कहकर उनका अभिवादन किया यह अभिवादन उनके लिए नया था, उन्होंने हेलो कहकर बच्चों से हाथ मिलाया।
अंतरिक्ष यात्रियों ने यंग साइंटिस्ट इंडिया के फाइनल हेतु चयनित बच्चों को बधाई दी तथा बच्चों से अंतरिक्ष में रहने के अपने अनुभवो को साझा किये।
रशियन अंतरिक्ष यात्री सेर्गेय कोर्साकोव ने बताया कि भारतीय भोजन उन्हें बहुत पसंद है। अंतरिक्ष में भोजन में कुछ स्वाद नहीं आता है। मैं 195 दिन तक स्पेस में रहा ।स्पेस में रहना एक अलग ही अनुभव है।बच्चों के प्रश्न पर कहते हुए कज़ाक अंतरिक्ष यात्री एडेन एम्बेटोव ने बताया कि अंतरिक्ष यात्री बनना उनका बचपन का सपना था इसके लिए विज्ञान विषय से अध्ययन कर अच्छा पायलट बनना पड़ता है फिटनेस पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है। जागृति और देविका ने बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों से मिलकर वे बहुत ही उत्साहित महसूस कर रही हैं। भविष्य में वे भी इन्हीं अंतरिक्ष यंत्रों की तरह अपने देश व राज्य का गौरव बढ़ाने की पूरी कोशिश करेगी। युवाओं के लिए अंतरिक्ष एक नई संभावना जैसा है जहां अनगिनत अवसर इंतजार कर रहे हैं।बच्चों ने अटल टिंकरिंग लैब, स्पेस किड्स इंडिया की फाउंडर एवं सीईओ डॉ श्रीमथी केशन एवं टीम तथा प्राचार्य जी आर सिन्हा, उनके प्रोजेक्ट के गाइड टीचर चंद्रशेखर मिथलेश तथा माता-पिता को धन्यवाद दिया है।