अंतागढ़ से जावेद खान
यात्री रहे परेशानस्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े वाहनों और सुरक्षा बलों के वाहनों को दी छूट
आरक्षण के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के विरोध में आज आदिवासी समाज ने ब्लाक मुख्यालय अंतागढ़ में स्टेट हाईवे क्रमांक पांच को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। भारत बंद के आह्वान पर बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोगों सहित एससी समाज के लोग सड़कों पर उतरे और स्टेट हाईवे पर यातायात को बाधित कर दिया ।
अंतागढ़ ब्लाक मुख्यालय में आदिवासी समाज के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए हैं जिनमें महिलाओं की भी बराबरी सहभागिता देखी गई।
आंदोलनकारी द्वारा स्वास्थ्य सेवा से जुड़े वाहनों और सुरक्षा बलों के वाहनों को ही इस आंदोलन में यातायात की छूट दे दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के कृमि लेयर वर्गीकरण के मामले में सर्व आदिवासी समाज सहित सभी आरक्षण प्राप्त समाज द्वारा विरोध किया जा रहा है, वही अंतागढ़ व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को पूर्ण रूप से बंद रखा है, यहां तक सब्जी पसरा लगाने वालों सहित गुमटी वालों ने भी अपनी दुकानें नहीं लगाई है।
वहीं पुलिस द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने पूरी तरह तैयार नज़र आई, तहसीलदार साथ ही ब्लाक के अधिकारी इस आंदोलन पर लगातार नजर रखे हुए थे।
वहीं इस आंदोलन में समाज के कई सरकारी कर्मी भी आंदोलनकारियों के साथ बराबरी से साथ देते नजर आए, स्कूलों की बात करें तो पालकों को स्कूल की छुट्टी के बाद अपने बच्चों को वापस घर ले जाने में मशक्कत करनी पड़ी।
वहीं निजी स्कूलों में अवकाश की घोषणा एक दिन पहले ही कर दी गई थी।
आंदोलन में बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए, कई बार लोगों ने चक्का जाम से निकलने की कोशिश की किंतु समाज के उग्र युवाओं किसी को भी आने जाने की अनुमति नहीं दी।
ग्राम ताड़ोकि से आए पवन कुमार ध्रुव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सिरे से खारिज करते हुए इसे केंद्र सरकार की आरक्षण समाप्त करने की साजिश बताया, पवन के अनुसार इस साजिश के एसटी एससी के बीच दूरी बनाना है।
दिए गए समय के अनुसार समाज के लोगों ने शाम पांच बजे रैली निकलते हुए राजीव गांधी चौक में एकत्रित हुए वहां समाज के बुद्धिजीवियों द्वारा सभा को संबोधित किया गया तदोपरांत एक दिवसीय भारत बंद कार्यक्रम को समाप्त किया गया।