दैनिक ट्रैक सीजी,कवर्धा।
भगवान शिव देवों के देव महादेव में जल अभिषेक की परम्परा सदियों चली आ रही है। हर वर्ष श्रावण माह में कांवरियों द्वारा पदयात्रा कर शिव मंदिरों में जल चढ़ाया जाता है, जिसे कांवड़ यात्रा कहा जाता है। मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से शिवभक्तों द्वारा कांवर में मां नर्मदा का पवित्र जल लेकर पदयात्रा करते हुए जलाभिषेक कर रहे हैं।
अब तक सैकड़ों कांवरियों का दल शहर व ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचकर जलेश्वर महादेव डोंगरिया, पंचमुखी बुढ़ामहादेव तथा भोरमदेव में जलाभिषेक कर चुके है। श्री राजराजेश्वरी माता महाकाली बोल बम समिति के कोषाध्यक्ष रमन साहू ने बताया कि श्री राजराजेश्वरी माता महाकाली बोल बम समिति में 192 कावरियों ने अमरकंटक से माता नर्मदा जी को कठिन तप करके कावड़ियों ने पदयात्रा कर डोंगरिया स्थित जलेश्वर दादा, छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक पुरातात्विक और जन आस्था के केन्द्र बाबा भोरमदेव में जलाभिषेक किया और रविवार को कवर्धा स्थित बूढ़ा महादेव में जलाअभिषेक होगा।उपसरपंच रमन साहू ने बताया कि श्री राजराजेश्वरी माता महाकाली बोल बम समिति रविवार को खदौड़ा खुर्द से अमरकंटक के लिए सुबह प्रस्थान किया और शुक्रवार को कांवरियों ने डोंगरिया स्थित जलेश्वर दादा को में जलाभिषेक किया। और शनिवार को बाबा भोरमदेव में जलाभिषेक किया और रविवार को पंचमुखी बुढ़ामहादेव के जल अभिषेक किया जाएगा।