डाकघर पखांजूर फिर एक बार सुर्खियों का कारण बना ।
पखांजूर क्षेत्र हर दिन किसी न किसी कारण से चर्चा का विषय बना रहता है जहा एक और शासन द्वारा डाकसेवकों की लगातार भर्ती हो रही जिससे देश के अंतिम छोर तक बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
प्रधानमंत्री की वृद्धा, विधवा, विकलांग पैंशन योजनाऐं जिससे अधिकतर ग्रामवासी लाभान्वित हुए हैं वही दूसरी और लक्ष्मी नेताम मुरझार, हांकेर डाकघर की खाता धारक है जो पिछले कई सालो से अपने पैंशन के लाभ से कोसो दूर है जिन्हे खुद को ही पता नही था की उनकी विधवा पैशन के तहत लगभग तीन सौ पचास रूपए प्रति माह के दर से सात वर्षो से उनके बचत खाते में आ रहा है किसी के द्वारा जब उन्हें जानकारी मिली की उन्हें भी शासन के योजना का लाभ मिल रहा है तो उन्होंने अपना बचत खाता हांकेर के शाखाडाकपाल सुनील सिकदार को अपना बचत खाता उपल्ब्ध राशि की जानकारी के लिए दिया ,उनका आरोप है की सुनील सिकदार द्वारा उनका खाता आज तक नही लौटाया गया।
सुनील सिकदार ने भूतपूर्व उप संभागीय निरीक्षक अजय देवांग द्वारा सभी पुराने दस्तावेज और खाते को उनके पास होने की बात कही , लक्ष्मी नेताम जो की लोगो के घर काम कर अपना गुजारा चलाती हैं उन्हें कई बार मुरझर से पच्चीस किलोमीटर का सफर तय कर पखांजूर उप डाकघर का चक्कर काटने पर पता चला की उनके खाते से तीन अलग अलग किश्तों में बचत खाते से राशि की निकासी उनके बगैर जानकारी के हुई है जिसकी शिकायत उन्होंने भूतपूर्व उप संभागीय निरीक्षक अजय देवांग से आज से तीन वर्ष पहले की उसके बाद भी उन्हें आज तक न अपना खाता मिला न ही खाते की कोई जानकारी मिली है इस मामले को कई साल हो गए है मगर किसी बंद बस्ते में इतने बड़े मामले के जाने से डाकघर की छवि कही न कही फिर से धूमिल होती नजर आ रही है जहा अधिकारी व कर्मचारी के द्वारा लिपा पोती कर मामले को दबा दिया गया था और आज भी वो सरकार के पैंशन योजना के लाभ से वंचित हो कर अपना गुजारा कर रही है उन्हे अधिकारी व शाखा डाकपाल द्वारा केवल समझाइश दी गई ऐसे में उपसंभागीय निरीक्षक द्वारा दोषी का साथ देते हुए ये कहा गया की आपके द्वारा निकासी गई राशि में हस्ताक्षर आपके है मगर विडंबना देखिए की लक्ष्मी नेताम के बचत खाता में विभाग के पास आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर नहीं बल्कि अंगूठे का निशान है ऐसे में अधिकारी द्वारा किसिका संरक्षण साफ दिखाई पड़ता है ।