गरीब -असहाय विकलांग दम्पत्ति को मनरेगा से कराया कार्य दो महीने बाद भी नही दिया मेहनताना
सिस्टम पर उठते सवाल विकलांग दम्पति को भारत सरकार से जारी किया शत प्रतिशत विकलांगता का प्रमाण पत्र तो सालों से क्यो नही मिल रही विकलांग पेंशन
बीजापुर ट्रैक सीजी ब्यूरो
गरीबी निराशा, दुख, दर्द लाती है। बच्चे शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाते। परिवार आर्थिक तंगी से जीवन जीने को मजबूर हो जाता है , एक तरफ सरकार द्वारा गरीब, असहाय लोगों के उत्थान के लिए अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण कई असहाय परिवार गरीबी का दंश झेलने को मजबूर हैं। अमीरों को तो सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल जाता है, किंतु गरीब अपने हक के लिए जिम्मेदारों की अनदेखी से लाचार रहता है। मजबूरन गरीब व पात्र व्यक्ति तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ पाने से वंचित हो जाता है। इसी प्रकार का एक मामला बीजापुर विकास खंड के तोयनार के मुर्रा पारा से आया जंहा के 49 साल के सुक्कू तांती जो कि जन्म से ही विकलांग है वन्ही उनकी पत्नी 34 साल की सरिता ताती भी बचपन से ही गूंगी बहरी है , दोनों पति पत्नी अपने दो बच्चों के साथ एक छोटी से झोपड़ी में रहते है , दोनों विकलांग होने के कारण कोई भी कार्य नही कर पा रहे है , स्थिति ऐसी है कि कभी कभी एक समय भूखा भी सोना पड़ता है , इन्हें अब तक सरकार से कोई भी राहत राशि नही मिली है न ही किसी योजना का लाभ मिला है
◆ आधा दर्जन मुर्गी , मुर्गी पालन ही सहारा , बेच कर लाते है तेल – नमक – मसाला
सुक्कू ने बताया कि उनके पास आय का कोई जरिया नही है उन्होंने 5- 6 मुर्गी पाल रखी है और मुर्गा बेच बेच कर ही तेल -नमक- मसाला खरीद कर लाते है और अपने परिवार का पोषण करते है
◆ मानवता की हद को किया पार प्रशासन ने विकलांग दम्पति को मनरेगा में कराया काम , दो महीने बाद भी भुगतान नहीं
सुक्कू एंव आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि सुक्कू की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण सरपंच – सचिव से कहा तो विकलांग पेंशन तो देना दूर की बात है मनरेगा के तहत बन रही सड़क में काम करने कहा , जिसके बाद विकलांग दम्पति ने मनरेगा की सड़क में मुरुमीकरण के दौरान 6 दिन काम किया जिसमे उनके साथ 11 साल के बेटे ने भी गोदी खोदी लेकिन आज पर्यंत उसका भी पैसा नही मिला
◆ भारत सरकार ने जारी किया शतप्रतिशत विकलांग का प्रमाण पत्र लेकिन जिला प्रशासन ने नही ली सुध
एक पैर से विकलांग सुक्कू ताती एंव उनकी मुकि बधिर पत्नी को 2020 एंव 2021 में शत प्रतिशत विकलांग होने का भारत सरकार द्वारा कार्ड भी जारी किया गया लेकिन उसके बाद भी स्थानीय प्रशासन ने कभी सुध नही ली जिसके चलते आज पर्यंत दम्पत्ति को किसी भी तरह की शासकीय योजनाओं का लाभ नही मिल पाया एंव बदहाली का जीवन जीने को मजबूर है
◆कन्हा गई सरकार की उज्ज्वला योजना , सारे दावे हो रहे धरातल पर फैल
सरकार दावा करती है कि उज्ज्वला योजना में छत्तीसगढ़ में अब तक 36 लाख से अधिक गरीब परिवार की महिलाओं को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिए गए लेकिन ये दावे भी यंहा आकर झूठ नजर आते है खाद्य विभाग ने गरीबी रेखा का राशन कार्ड तो जारी किया गया लेकिन आज पर्यन्त उज्जवला योजना के तहत निःशुल्क रसोई गेस नही दी गई जिसके चलते आज भी मिट्टी के चूल्हे में लकड़ी जलाकर खाना बनाते नजर आते है विकलांग दम्पति , सुक्कू ने बताया कि अब तो सोसायटी से केरोसिन भी नही मिलता है और बारिश में लकड़ी भी गीली होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है
◆ सरकार का स्लोगन मात्र फ्लेक्स तक ही सीमित – ” बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ “
विकलांग दम्पत्ति की आर्थिक स्थिति ऐसी की 11 साल के बेटे के बाद 6 साल की बेटी भी शिक्षा से हो रही वंचित एक पैर से अपाहिज सुक्कू ताती ने बताया कि आर्थिक स्थिति खराब है सरकार से कोई लाभ नहीं मिल रहा है इसलिए ग्यारह साल बेटे को कभी स्कूल नही भेजा है वो मेरे काम मे हाथ बँटवाता है बेटी भी 6 साल की हो गई है उसके भविष्य को लेकर चिंतित हु क्या करूँ इसलिए अब तक उसे भी स्कूल नही भेजा है
◆ विधायक एंव जनप्रतिनिधि तोयनार आये और गए पर नही ली कभी सुध , फिर भी करता हु मतदान
सुक्कू ताती ने बताया कि कई बार क्षेत्रीय विधायक एंव जनप्रतिनिधियों के दौरा तोयनार हुआ है मुलाकात भी की लेकिन कभी उन्होंने मदद नही की आज भी बदहाली एंव तंगहाली का जीवन जीने को मजबूर हु लेकिन मतदाता सूची में नाम है हर बार मतदान जरूर करता हु
◆ सरकार का दावा ” प्रधानमंत्री आवास योजना” के तहत गरीबो को पक्के मकान लेकिन आज भी टूटी झोपड़ी एक कमरा उसी में विकलांग पति – पत्नी , बच्चों सहित मुर्गियों का बसेरा , भारी बारिश में रात भर दहशत कंही झोपड़ी ढह न जाये
सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबो को पक्के मकान के दावे करती है लेकिन ये योजना भी यंहा औंधे मुंह गिरती नजर आई , सुक्कू आज भी टूटी झोपड़ी नुमा मकान में रहता है ,
सुक्कू ने बताया कि एक छोटी सी झोपड़ी है जिसमे एक कमरा है , इसी कमरे में वो अपने बच्चों के साथ रहते है यन्हि सोते है उनके साथ उनकी मुर्गियां भी इसी छोटे है कमरे में रहती है , बारिश के चलते ऊपर से पानी टपकता है इसलिए झिल्ली लगा रखी है फिर भी ज्यादा बारिश में डर बने रहता है कि कंही झोपड़ी गिर न जाये और दबकर अनहोनी न हो जाये