शशी रंजन सिंह
सूरजपुर (ट्रैक सी.जी. जिला ब्यूरो चीफ)
:–भू-बिचौलियों द्वारा शासकीय पट्टे पर प्राप्त भूमि का विक्रय पत्र बिना अनुमति लिए फर्जी तरीके से अपने नाम निष्पादित (CG land faraud) कराए जाने का मामला प्रकाश में आया है। ग्रामीणों द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले की निष्पक्ष जांच कराते हुए कार्यवाही की मांग की गई है।कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में ग्राम पंचायत लटोरी निवासी प्रार्थी हरिलाल सिंह पिता स्व. प्रेमसाय सिंह गोंड़, पटेल सिंह पिता स्व. प्रेमसाय सिंह गोंड़, दशरथ राजवाड़े पिता गिरवर राजवाड़े, ननकू राम पिता स्व. प्रेमसाय सिंह गोंड़, शिव भजन सिंह पिता स्व. संतराम सिंह गोंड़, विप्लव विश्वास पिता सुशील विश्वास,
मोहित अग्रवाल पिता छत्रबली अग्रवाल ने उल्लेख किया है कि ग्राम पंचायत लटोरी में शासकीय पट्टे पर प्राप्त भूमि का विक्रय पत्र बिना अनुमति लिए फर्जी तरीके (CG land scam) से भू-बिचौलियों द्वारा अपने नाम पर निष्पादित करा ली गई है।ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि ग्राम पंचायत लटोरी में स्थित भूमि पुराना खसरा नंबर 1885/1, 1885/2, 1885/3 शासकीय भूमि है जो अधिकार अभिलेख में छोटे झाड़ के मद में दर्ज है और जिसका वर्तमान खसरा नंबर 4214 रकबा 0.72 हेक्टेयर है।
इस भूमि का शासकीय पट्टा बंधन पिता भोगेल राजवाड़े को राजस्व प्रकरण के माध्यम से 17 दिसंबर 1976 को अवैध तरीके से प्रदान किया गया है। इस भूमि पर बंधन पिता भोगेल राजवाड़े का कभी भी कब्जा काश्त नहीं रहा है।
बंधन की मृत्यु पश्चात उक्त भूमि बसंत पिता बंधन राजवाड़े के नाम पर दर्ज हुई। इसके पश्चात बसंत राजवाड़े की मृत्यु उपरांत उक्त भूमि कमलेश, दुर्योधन पिता बसंत के नाम पर वर्तमान अभिलेखों में 421/1 रकबा 0.74 दर्ज है। इस भूमि पर दुर्योधन, कमलेश पिता बसंत का भी कब्जा काश्त नहीं था। वे लोग पट्टा प्राप्त करने वालों की श्रेणी में भी नहीं आते थे।इस भूमि का उपयोग सार्वजनिक रूप से मवेशियों को चराने के रूप में ग्राम पंचायत लटोरी के निवासियों द्वारा किया जाता था और कुछ अंश पर हरिलाल सिंह द्वारा मकान बनाकर काबिज काश्त करते हुए फसल उगाया जाती है।
इस शासकीय भूमि का अवैध तरीके से बंधन के नाम पर पट्टा जारी होने के विरूद्ध ललित कुमार, चन्द्रमणी राजवाड़े एवं हरिलाल सिंह द्वारा पट्टा निरस्ती हेतु आवेदन दिया गया है।
इसमें कलेक्टर के आदेशानुसार तहसीलदार लटोरी द्वारा जांच की जा रही है। वहीं शासकीय भूमि का विक्रय पत्र भू-बिचौलियों ने फर्जीवाड़ा कर 26 दिसंबर 2022 को अपने नाम से निष्पादित करा लिया है। ज्ञापन में प्रार्थियों ने इस मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कराने की मांग की है।