अंतागढ़
पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते अंतागढ़ के ग्रामपंचायत बुलावंड के गावड़े खसगांव में
जलजीवन मिशन के ठेकेदार की भारी लापरवाही देखने को मिल रही है जिसमे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जलजीवन के तहत बनाए जा रहे पानी टंकी के लिए ठेकेदार द्वारा खोदे गए गड्ढों को खुला छोड़कर हादसों का इंतजार किया जा रहा है वहीं बता दे आकार में वह गड्ढा इतना बड़ा है की वयस्क व्यक्ति तक उसमे पूरा डूब जाए , बता दें की ठीक कुछ कदमों में एक ओर नौनिहालों के लिए आंगनबाड़ी भवन और दूसरी ओर स्कूल है, और स्कूल का मैदान गड्ढे से लगा हुआ है ऐसे में भविष्य में किसी हादसे को नकारा नहीं जा सकता क्युकी छोटे बच्चे अक्सर वहा खेला करतें है वहीं जर्जर आंगनबाड़ी की छत से रिसते पानी के बीच नौनिहाल अपनी जान जोखिम में डालकर बैठने को मजबूर हैं।
ग्रामीण रामनारायण आंगन बाड़ी के पास मौजूद थे उन्होंने कहा की इस गड्ढे के संबंध में ठेकेदार को जानकारी दी गई है पर ठेकेदार द्वारा इस ओर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है वहीं अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से जर्जर आंगनबाड़ी के विषय में कई बार बताया गई किंतु आज तक आंगन बाड़ी भवन नहीं बनाया गया।
इस विषय में ग्राम पंचायत बुलावंड के सरपंच का भी साफ तौर पर कहना है की ठेकेदार को जानकारी देने के बावजूद अरसे से खोदे इस गड्ढे को यूं ही खुला छोड़ दिया गया है, वही जर्जर आंगनबाड़ी बारिश की ढह सकता है बावजूद इसके विभाग आंख बंद किए बैठा है।
बता दें आंगनबाड़ी भवन भी जर्जर अवस्था में है और नौनिहालों को पानी से रिसते और कमजोर हो चुके कमरे में मजबूरन बैठना पड़ता है वहीं आंगनबाड़ी के जर्जर होने की बात जब महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी जागेश्वर परते से जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि इस भवन के विषय में शासन को अवगत कराया गया है आर ई एस के अधिकारी को इस भवन का स्टीमेट बनाने कहा गया है जो अब तक नहीं बनाया गया है, आंगन बाड़ी के कुछ भवन ऐसे ही है जिसकी जानकारी उन्हें है किंतु स्टीमेट ना बनाने की वजह से कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
वही लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनुविभागीय अधिकारी से जल जीवन मिशन के ठेकेदार द्वारा गड्ढे बनाकर छोड़ देने के मामले को लेकर जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि संबंधित ठेकेदार को कह कर सुरक्षा के इंतजाम उस जगह पर करने के निर्देश दिए गए हैं।
सवाल यह उठता है संबंधित विभागों को इन सब विषयों की जानकारी होने के बाद भी अब तक किसी प्रकार के सुरक्षा के इंतेज़ाम किसलिए नहीं किए गए, जबकि जिला के कलेक्टर ने साफ निर्देश दिए हैं कि बारिश में जर्जर भवनों में स्कूल या आंगनबाड़ी संचालित ना किए जाएं।
जल जीवन मिशन के ठेकेदारों की मनमानी से लोगों को पानी तो मिल नहीं रहा है अपितु ऐसे जानलेवा गड्ढे मासूम बच्चों के लिए कभी भी बड़े हादसे की वजह बन सकते हैं, वही जर्जर आंगनबाड़ी में नौनिहाल अपनी जान जोखिम में डालकर बैठने को विवश हैं ।
यहां बताना जरूरी है कि महिला बाल विकास अधिकारी अंतागढ़ द्वारा बिना टेंडर निकाले इन जर्जर आंगनबाड़ी केंद्रों में रंग रोगन का कार्य कराया गया किंतु जानलेवा जर्जर आंगनबाड़ी की टूटी छत इन अधिकारी को दिखाई नहीं दी।