महेंद्र श्रीवास्तव ट्रैकसीजी
जिला प्रशासन नहीं कर रहा है नन्हे बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं पर अमल, अनूपपुर जिला प्रशासन द्वारा स्कूली शिक्षा को मजबूत करने के लिए केवल कागजी कार्यवाही तक ही सीमित रहना पड़ रहा है जिला प्रशासन द्वारा भवन को नया निर्माण कराया जा रहा है वहीं स्कूल की आंतरिक व्यवस्थाओं को मजबूत करने का कार्य सही ढंग से नहीं किया जा रहा है सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत जिले में कई ऐसे प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय है जिसमें निशुल्क गणवेश पाठ पुस्तक एवं मध्यान भोजन की व्यवस्था के साथ ही प्राथमिक पाठशाला की भवन की आदर्श संरचना का कार्य कराया जाना चाहिए जो प्रशासन के द्वारा नहीं कराया जा रहा है कई ऐसे भवन जो आज खंडहर की स्थिति में है उसकी उचित व्यवस्था नहीं की जा रही है तथा कई ऐसे विद्यालय हैं जो मरम्मत योग्य है ऐसी स्कूलों को भी किसी प्रकार से प्रशासन के द्वारा कार्यवाही नहीं की जा रही है प्राथमिक पाठशाला में शिक्षकों के द्वारा गलत जानकारी दी जाकर बच्चों का भविष्य अंधकार में डाला जा रहा है प्रशासन के द्वारा कभी भी स्कूलों की निगरानी नहीं की जाती है विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे को सर्व सुविधायुक्त विद्यालय को तरसना पड़ रहा है जिला प्रशासन के द्वारा भवन में विद्युत व्यवस्था भी ठीक ढंग से नहीं कराई गई है यदि जहां भी बच्चों के लिए शौचालय की व्यवस्था की गई है वहां पर भी शौचालय पर ताला लगा रहता है प्राथमिक पाठशाला मौहरी उदाहरण है यहां पर बच्चों को किसी प्रकार से सुविधा उपलब्ध नहीं होती है जनपद पंचायत जैतहरी के अंतर्गत सकरा संकुल में संकुल के शिक्षकों के द्वारा फर्जी जानकारी प्रशासन को उपलब्ध कराई जाती है सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूल चलो अभियान का भी समय पर प्रचार प्रचार नहीं हुआ है जब ग्रामीणों के द्वारा इसका विरोध किया गया तब 17 जुलाई से इसकी शुरुआत की गई है जिस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे समय पर स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं साला प्रबंधन समिति में कौन-कौन सदस्य है इसकी भी कोई जानकारी प्रदान नहीं है ना ही विद्यालय में स्वच्छता पर ध्यान दिया जाता है मध्यान भोजन का भोजन का भी संचालन सही ढंग से नहीं होता है जिससे बच्चों का भविष्य अंधकार में पढ़ता जा रहा है यह विद्यालय सन 1952 से संचालित है परंतु आज तक प्राथमिक विद्यालय से प्राथमिक विद्यालय ही रह गया है प्रशासन की मनमानी के चलते बच्चों की उपस्थिति भेजने के बराबर है जिससे जिला प्रशासन तथा स्कूल शिक्षा विभाग कपोल खोलता हुआ या विद्यालय प्रशासन के द्वारा केवल नन्हे बच्चों को मिलने वाली सुविधा केवल कार्य की कार्यवाही तक ही सीमित रह गई है उच्च अधिकारियों को चाहिए कि तत्काल इस ओर उचित कार्यवाही कर बच्चों का भविष्य बर्बाद होने से बचाए