सक्ति/जैजैपुर/ट्रैक सीजी/अवधेश टंडन।
प्लांटों से निकलने वाले राखड़ डंप करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जैजैपुर क्षेत्र में पिछले चार – छह महीनों से प्लांटों से निकलने वाले राखड़ को जगह जगह हाइवा द्वारा डंप कर दिया जा रहा है। बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के एवं पर्यावरण विभाग के अनुमति बिना डंप करने के स्थान से अनेक स्थानों पर अवैध तरीके से सड़कों, खेतों और डबरी तालाबों एवं शासकीय जमीन में मनमाने तरीके से राखड़ डाला जा रहा है। जैजैपुर क्षेत्र सहित अन्य गांवों में राखड़ डंप करने का खेल चल रहा है। स्थानीय प्रशासन इस पर रोक लगाने कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। जिसका खामियाजा आमजनों को भुगतना पड़ रहा है। आने वाले समय में इसका दुष्परिणाम भी भुगतना पड़ेगा। पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। गलगला रोड के आगे नहर किनारे जैजैपुर में चौबे डबरी तालाब खसरा नम्बर 5868 जो कि शासकीय भूमि होने बावजूद निजी व्यक्ति द्वारा राखड़ डंपिंग किया जा रहा है। दिन से लेकर रात तक राखड़ लोड वाहन लगातार चल रहे हैं। इसके चलते क्षेत्र में धूल का गुबार उड़ रहा है। लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। लोग सांस व त्वचा संबंधी बीमारियों ग्रसित होने के साथ दुर्घटना का शिकार भी हो रहे हैं। ज्ञात हो कि एक साल पहले क्षेत्रीय अधिकारी छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल बिलासपुर द्वारा कार्रवाई करते हुए आरकेएम पावरजेन लिमिटेड उचचापिंड़ा को 89 लाख 40 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया था। प्रशासन की सख्ती नहीं होने के कारण कई कंपनी का राखड़ अब भी जगह-जगह डाला जा रहा है।
कलेक्टर ने अवैध राखड़ डंपिंग पर दिए थे कार्रवाई के निर्देश
समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने अवैध राखड़ डंपिंग पर अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन स्थानीय प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी पर कलेक्टर के निर्देश का कोई असर नही पड़ रहा है जिसके कारण राखड़ माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
इनका कहना:-
मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है, नाही मेरे द्वारा एन. वो. सी. दिया गया है।
नगर पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जैजैपुर
विष्णु प्रसाद गहरेवाल