जब भी हम बायो प्रोडक्ट की बात करते है उसके श्रेणी में जो प्रिंसिपल सर्टिफिकेट के बदले G2 का प्रावधान में लाया गया है जिसमे स्टेट लेवल पे G2, सेंट्रल लेवल में G3 और फुटकर विक्रेता के लिए A1, A2 सर्टिफिकेट का नियम बनाए गए है।
जिसमे पीजीआर प्रोडक्ट जिसमे कंटेंट के रूप में ह्यूमिक,फुलविक,एमिनो , सिविड ( समुद्री शैवाल) मौजुद होता है एवं बायो फर्टिलाइजर में जिप्सम के ग्रेनुअल जिसमें स्प्रे के द्वारा माइक्रो न्यूट्रिएंट की स्प्रे कर उसे रासायनिक DAP के समतुल्य असरकारक बनाया जाता है । जो ग्रेनुअल के रूप में बजारों में उपलब्ध है
बायो जायम भी इसी श्रेणी में आता है
बायो पोटाश भी ग्रेनुअल के रूप में पाया जाता है जो अक्सर लाल रंग के गोल दाने के जैसा होता है
हैरान करने वाली बात यह है की इन सबके बीच नमक से बनाए गए पोटाश को आखिर कैसे शासन द्वारा लाइसेंस दिया जाता है क्या इसके बनने की विधि और इसमें पाए जाने वाले कंटेंट को किसी भी हाल में कोई मानक दर्जा दिया गया है क्यों कि एग्रीकल्चर में ऐसे नमक से पोटाश बनाने की विधि का कही उल्लेख नहीं पाया जाता तो कही नहीं कही इसे नकल के प्रकरण के तहत लेना चाहिए क्योंकि ऐसे में ही कही न कही नकली खाद फल फूल रहा है जिसे लाइसेंस के आड़ में आज शासन ओर अधिकारियों के सहायता के बगैर इतने व्यवस्थित ढंग से कर पाना मुश्किल है यदि इस पोटाश को रासायनिक मान लिया जाए कुछ पल के लिए क्यों कि विभाग द्वारा इसे o फॉर्म में जोड़ा गया है दुकानों से इसकी पुष्टि की गई है जहा परलकोट में शिवम् कृषि केंद्र, व देवनाथ कृषि केंद्र के प्रिंसिपल सर्टिफिकेट में कविता बायो फर्टिलाइजर एवं ग्रोवर बायो फर्टिलाइजर का नाम उनके o फॉर्म में है o फॉर्म ऐसा सरकारी सर्टिफिकेट है जिसमें सभी रासायनिक फर्टिलाइजर बेचैन का अधिकार दुकानदारों को बड़ी संस्थान के प्रिंसिपल सर्टिफिकेट के आधार पर मिलता है आप सभी को ये जानकार अचंभा होगा कि o फॉर्म में बेचे जाने वाले मुख्य उत्पाद जैसे डी ए पी, पोटाश, यूरिया, एन पी के, स स पी सभी डिवाइस के आईडी के द्वारा ही बेचे जाते है सवाल ये है जब इनके o फॉर्म में दोनों बायो कंपनी जो कि राजनंदगाओ से है उनके उत्पाद को डिवाइस में क्यों नहीं चढ़ाया जाता है ओर इन्हें बेचे के लिए बिल का उपयोग क्यों नहीं किया जाता ,अब देखने वाली बात यह होगा कि ये सारे जानकारी अधिकारियों को होने के बाद भी क्या इस नकली खाद व्यापार पर शिकंजा कसा जाएगा या भोले भाले किसानो को लूटने के लिए दुकानदारों का सहयोग किया जाएगा ।
(वर्सन)
रूपा कृषि केंद्र पीवी 18, संचालक रवि मंडल जो कि एक फुटकर विक्रेता हैं उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि मैं पखांजुर के शिवम् कृषि केंद्र पखांजूर के पास से ग्रोवर बायो फर्टिलाइजर का पोटाश बिना बिल के लाया गया एवं बिना बिल के ही ग्राहकों को बेचा गया ये उनके द्वारा ही कबूल किया गया।