पाटन (ट्रेक सीजी न्यूज/सतीश पारख) ब्लॉक की सबसे बड़ी पंचायत सेलुद के किसानों ने शामिलात चारागाह की भूमि मूल किसानो को वापस दिलाने लिखित ज्ञापन सौंपा है तथा इस आशय की प्रतिलिपि कलेक्टर दुर्ग तथा राजस्व मंत्री छत्तीसगढ़ शासन को भी प्रेषित की है ।
विषयान्तर्गत प्रेषित पत्र ने उल्लेख है की ग्राम पंचायत सेलूद के सैकड़ो किसानो के द्वारा अपनी अपनी निजी भूमि जो कि लगभग एक सौ अस्सी एकड़ है को प्रशासन के आदेशानुसार शामिलात चारागाह हेतु दान किया था जो कि भारतीय कानून व्यवस्था के तहत उस जमीन को जानवरो के चारा (भोजन) के लिए आरक्षित किया गया था।
उपरोक्त शामिलात चारागाह की जमीन पर आज की स्थिति में अनेक लोगो के द्वारा अवैध रूप से आवास एवं दुकान बनाकर कब्जा कर लिया गया है। जिसे रोकने के लिए कई बार प्रशासनिक रूप से प्रयास किया जा चुका है। किन्तु अवैध कब्जा रुकने की बजाय दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है। जिस प्रकार से शामिलात चारागाह की भूमि पर अवैध कब्जाधारियों के हौसला बुलंद होते जा रहा है और प्रशासन उसे सुरक्षित रख पाने में असमर्थ ही रहा हैं जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि एक समय बाद कब्जों की बाढ़ में पूरा एक सौ अस्सी एकड़ भूमि पर अवैध कब्जाधारियों का कब्जा हो जाएगा और जिस उद्देश्य के लिए प्रशासन ने किसानो से जमीन दी थी वह उद्देश्य निरर्थक ही रह जाएगा। प्रेषित पत्र में हस्ताक्षर कर्ता किसानों ने मांग की है की उक्त शामिलात चारागाह भूमि हमारे पूर्वजो के द्वारा चारागाह के लिए दान स्वरूप प्रदान कि गई थी । इसलिए उपरोक्त किसानों के पूर्वजो की भूमि वापस उनके उत्तराधिकारियों को कब्जा मुक्त करवाकर वापस सौंपी जाय । जानकारी के अनुसार शामिलात चारागाह की भूमि का सर्वाधिकार जिलाधीश के पास होता है किन्तु जिलाधीश के द्वारा भी अभी तक अवैध कब्जाधारियों से शामिलात चारागाह की भूमि को मुक्त नहीं करा पाये है ।हस्ताक्षर कर्ता किसान ने कहा की अवैध कब्जाधारियों को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त होते रहता है, इसलिए उनके हौसले बुलंद होते जा रहे है और धीरे धीरे किसानों के द्वारा दान की गई चारागाह की भूमि कब्जों की भरमार से पूरी भर चुकी है।उन्होंने कहा की जो भी स्तर के जनप्रतिनिधि राजनीतिक रूप से संरक्षणकर्ता पाये जाने की स्थिति में है उन पर भी भारतीय दंड सहिता के अनुसार अवैध कार्य में संलिप्तता नियमों के तहत कड़ी कार्यवाही किया जाय ।
प्रेषित पत्र में आवेदन कर्ता महेश्वर बंछोर ने विनम्रतापूर्वक आग्रह किया है कि शासन के द्वारा किसानो से अधिग्रहित भूमि को मूल किसानो को वापिस किया जाय जिससे कि किसान स्वयं अपनी भूमि की सुरक्षा कर सके और अवैध कबजाधारियों से बचाकर सुरक्षित रख सके ।
उन्होंने आशा सहित पूर्ण विश्वास जताया है कि जानवरो के लिए आरक्षित भूमि को जल्द से जल्द अवैध कब्जाधारियों से मुक्त कराकर मूल किसानो को वापस किया जाय एवं सभी कब्जाधारियों के ऊपर जुर्माना के साथ साथ दंडनात्मक कार्यवाही किया जाय। कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में हम किसान माननीय न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर अपने पूर्वजों की जमीन जिनका वास्तविक उपयोग करवाने और उसे सुरक्षित रखने में प्रशासन नाकामयाब रहा है तो किसानों की जमीनें उनके वर्तमान उत्तराधिकारियों को वापस सौंपने की कार्यवाही को अंजाम देंगे जिसकी सम्पूर्ण जवाबदेही प्रशासन की होगी । आवेदन सौंपने वालों में ग्राम सेलुद के महेश्वर बंछोर, तामन लाल साहू, पूर्व सरपंच सुरेंद्र बंछोर,पूर्व उप सरपंच तारेंद्र बंछोर शामिल है ।