मातेश्वरी जी का जीवन अत्यन्त आदर्श और प्रेरणादायी था..ब्रह्माकुमारी प्रीति दीदी
बसना ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर/प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की प्रथम मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी ओम राधे की 59 वीं पुण्य तिथि श्रद्घापूर्वक मनाई गई। साईं विहार कॉलोनी स्थित मानव कल्याण भवन सेन्टर में एक सादे समारोह में ब्रह्माकुमारी ओम राधे के चित्र पर माल्यार्पण कर बसना संचालिका ब्रह्माकुमारी प्रीति दीदी ने श्रद्घासुमन अर्पित किए।
ब्रह्माकुमारी प्रीति दीदी ने मातेश्वरी जी के जीवन से सम्बन्धित संस्मरण सुनाकर सभी को उनके द्वारा बतलाए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बतलाया कि मातेश्वरी जी वात्सल्य की मूर्ति होने के साथ ही अनेक दैवी गुणों से सम्पन्न थी। सभी उन्हें माँ कहकर पुकारते थे। उन्होंने एक माँ की तरह से ब्रह्मावत्सों की पालना की। उनका जीवन अत्यन्त आदर्श और प्रेरणादायी था। उनके जीवन में अपनाए गए सिद्घान्त आज संस्था के लिए प्रमुख सूत्र बन चुके हैं जिसके आधार पर ब्रह्माकुमारी संस्था का संचालन किया जाता है। ब्रह्माकुमारी ओम राधे ने 24 जून 1965 को अपने पार्थिव शरीर का त्याग किया था।
सभा में पहले ब्रह्माकुमारी ओम राधे की पुण्य स्मृति में परमपिता परमात्मा शिवबाबा को भोग स्वीकार कराया गया जिसे बाद में सभा में उपस्थित सभी लोगों में प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। इस दौरान उनके प्रवचनों से लिए गए प्रेरणादायक स्लोगन को सभी साधकों को अलग-अलग वरदान के रूप में प्रदान किया गया जिसे प्राप्त कर सभी ने प्राप्त वरदान के अनुरूप पुरूषार्थ कर स्वयं को ढालने का सकंल्प किया।
सभा में वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी प्रीति दीदी, यमुना दीदी, हेमराज भाई , पार्थव ,कुलदीप ,जपेश , गणेश संयोगिता बहन सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्घजन उपस्थित थे।
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