भिलाई (ट्रेक सीजी न्यूज/सतीश पारख) अपने रोचक संवादों और ग्रामीण परिवेश में फिल्मांकित पंचायत वेब सीरीज़ ने सभी से खूब लोकप्रियता बटोरी और अब इसके तीसरे सीजन ने भी सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है। इससे जुड़े इंटरनेट में कई स्पूफ, मीम्स और वीडियो वायरल हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे कई पोस्ट के बीच, भिलाई इस्पात संयंत्र के पूर्व कर्मचारी श्री राकेश श्रीवास्तव के बेटे पलाश श्रीवास्तव का एक वीडियो आया, जिसमें उन्होंने प्रतिष्ठित पंचायत वेब सीरीज़ के थीम म्यूजिक में अपने खुद के बोल जोड़े हैं, जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं। प्रधान जी की लौकी और प्रहलाद चा की ज्ञान की बातों से लेकर विकास की मासूमियत भरी नोकझोंक, सचिव जी और रिंकी की मनमोहक कहानी तक, किरदारों ने प्रशंसकों के दिलों में अपनी जगह बना ली है। पलाश श्रीवास्तव ने अपने गीत के माध्यम से इस वेब सीरीज़ के प्रमुख पात्रों के सार को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं और उनके व्यक्तित्व को अपने शब्दों के माध्यम से जीवंत कर, प्रमुख पात्रों के व्यक्तित्व और उनके लक्षणों पर प्रकाश डालते हैं।
इनके गीतात्मक संस्करण के ये बोल सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रहा है। गाने के बोल हैं, “इस गांव का नाम है फुलेरा, हैं यहां प्रधान और प्रह्लाद चा। सचिव जी हैं हमारे नायक, इनकी आँखों में हैं सपने। विकास उनके हैं सहायक, मंजू देवी भी प्रधान, सचिव जी ने सिखाया पूरा राष्ट्रगान। बनराकाश है और विनोद भी, जिनके कारण होती नोकझोंक भी। पूरब है पश्चिम है, सर चढ़ा विधायक है, रिंकीया टंकी पे चढ़ी। लौकी है, नौटंकी है गजब बेज्जती भी।”
2015 में सेवानिवृत्त हुए पलाश के पिता, श्री राकेश श्रीवास्तव भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्मिक विभाग में सहायक महाप्रबंधक थे तथा वे पूर्व में भिलाई स्टील वर्कर्स यूनियन के सचिव भी थे। पलाश की माता, श्रीमती मधु रायपुर के गर्ल्स कॉलेज में प्रोफ़ेसर हैं। अपनी इस रचना को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए पलाश श्रीवास्तव ने लिखा, “पंचायत की प्रतिष्ठित थीम पर एक गीतात्मक मोड़ के साथ मेरी प्रस्तुति।” गायक पलाश श्रीवास्तव ने “क्या होता अगर पंचायत सीरीज के थीम सॉन्ग के बोल होते?” इस पर एक नया अंदाज़ पेश किया है।
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