महासमुंद ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर
छत्तीसगढ़ कैशलेस चिकित्सा संघ द्वारा लगातार कर्मचारियों के लिए कैशलेस चिकित्सा की मांग की जा रही है संघ के पदाधिकारियों द्वारा लगातार मंत्रियों से मुलाकात का दौर जारी है। इसी तारतम्य में आज प्रदेश अध्यक्ष ऊषा चंद्राकर संरक्षक राकेश सिंह संभाग सचिव देव साहू द्वारा वित्त मंत्री ओमप्रकाश चौधरी से मुलाकात किया गया ओपी चौधरी ने जल्द ही कैशलेस चिकित्सा बहाल करने के संकेत दिए।
आचार संहिता पश्चात छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर सजग हो गए हैं । छत्तीसगढ़ कैशलेश चिकित्सा सेवा कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश प्रतिनिधि एवं संभाग प्रतिनिधियों के द्वारा स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से तथा ओपी चौधरी से मुलाकात किया। छत्तीसगढ़ के समस्त कर्मचारी एवं उनके परिवार साथ ही पेंशन धारी कर्मचारियों के लिए मेडिकल कैशलेस जल्द से जल्द बहाल करने की आग्रह किया गया। आपको बता दें कि संगठन की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती उषा चंद्राकर एवं प्रदेश संरक्षक राकेश सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से तथा ओपी चौधरी से मिलकर एक बार छत्तीसगढ़ के समस्त कर्मचारियों को चिकत्सीय सुविधा प्रदान करने हेतु मेडिकल कैशलेस बहाल करने की मांग की गई आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के आचार संहिता पूर्व इसी संगठन के द्वारा स्वास्थ्य मंत्री और वित्त मंत्री से इस योजना के बहाली हेतु मुलाकात की गई थी। जहां उन्हें आश्वासन दिया गया था कि लोकसभा चुनाव के पश्चात जल्द ही कर्मचारी हित में मेडिकल कैशलेस की बहाली की घोषणा की जाएगी। संगठन ने सजग होकर अपनी मांगों को पुनः एक बार स्वास्थ्य मंत्री एवं वित्त मंत्री से मिलकर बात राखी और मेडिकल कैशलेस के लाभ से मंत्री को अवगत कराया गया था। जिस आधार पर स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य सचिव आशुतोष पांडे से भी मुलाकात करने कहा संगठन के पदाधिकारी के द्वारा प्रशासनिक सचिव आशुतोष पांडे से मेडिकल कैशलेस बहाली के लिए विस्तृत चर्चा की गई। जिसमें उन्होंने बताया कि यदि छत्तीसगढ़ शासन कर्मचारी एवं उनके परिवार तथा पेंशनरों के लिए मेडिकल कैशलेस बहाली करती है तो सरकार के ऊपर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा बल्कि छत्तीसगढ़ शासन के पास आर्थिक लाभ होगा। साथ ही कर्मचारी एवं उनके परिवार का विश्वास छत्तीसगढ़ शासन पर बढ़ेगा। प्रदेश अध्यक्ष उषा चंद्राकर ने यह भी कहा कि आज अस्वस्थ होना ऐसी समस्या है जिसमें शारीरिक रूप के साथ-साथ मानसिक एवं आर्थिक रूप से मरीज और उसके परिवार पीड़ित होते हैं एवं सरकार के द्वारा जो प्रतिपूर्ति दी भी जाती है। उसकी प्रक्रिया इतनी जटिल है कि आज कई सालों से कुछ कर्मचारियों की प्रतिपूर्ति की फाइल अटकी हुई है। साथ ही किसी कर्मचारी या उसके परिवार के इलाज में प्राइवेट हॉस्पिटलों में जिस प्रकार आर्थिक व्यय होता है। शासन की प्रति पूर्ति में उसका आधा राशि भी प्राप्त नहीं होता। कभी-कभी कर्मचारी अपने इलाज के लिए अपनी जमा पूंजी को भी खर्च कर देते है। कभी उन्हें अपने रिश्तेदारों या साथियों से कर्ज लेना पड़ता है। कभी उन्हें अपने बच्चों के लिए जमा की गई जमीन को भी बेचना पड़ता है। ऐसे में उनके भविष्य पर एक अतिरिक्त खतरा मंडराता है। वह व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर हो जाता है इन सब बात को मानवीय रूप से ध्यान रखते हुए जल्द से जल्द मेडिकल कैशलेस बहाल करने की अपील की गई एवं राकेश सिंह के द्वारा सचिव महोदय को यह भी कहा गया कि जब छत्तीसगढ़ में कर्मचारी एवं पेंशनरों के लिए मेडिकल कैशलेस बहाल किया जाए तो इसकी सुविधा और स्वरूप जिस प्रकार भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारी एवं सीसीएल कोल माइंस के कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा या प्रतिपूर्ति दी जाती है ठीक उसी प्रकार छत्तीसगढ़ के समस्त राज्य कर्मचारियों को और पेंशनरों को यह सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इस योजना के अंतर्गत मानव शरीर में होने वाली प्रत्येक बीमारी का इलाज मेडिकल कैशलेस के माध्यम से किया जाना चाहिए उक्त सभी चर्चाओं के पश्चात सचिन ने संगठन को अस्वस्थ किया की बहुत जल्द आपकी इस योजना को छत्तीसगढ़ की धरातल पर लागू किया जाएगा। साथ ही उन्होंने अग्रिम रूप से संगठन को बधाई भी दी तथा मंगलवार को चर्चा के लिए आमंत्रित भी किया। इस बात को लेकर संगठन एवं संगठन से जुड़े सभी सदस्य तथा छत्तीसगढ़ के समस्त कर्मचारी यह आशा लग रहे हैं की छत्तीसगढ़ में बहुत जल्द कर्मचारियों के लिए मेडिकल कैशलेस बहाली की घोषणा हो सकती है। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को आमंत्रित करते हुए संगठन ने जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में उनकी एक संगोष्ठी करने का निवेदन भी किया है। आपको बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष उषा चंद्राकर एवं प्रदेश पदाधिकारी ने यह निर्णय भी किया है कि आगामी आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिलों में प्रदेश स्तरीय संगोष्ठी करने का निर्णय भी लिया है प्रदेश के समस्त कर्मचारियों से अपील भी कि वह इस मुहिम में संगठन के साथ जुड़े।
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