दैनिक ट्रैक सीजी, लोरमी।
समीपस्थ ग्राम सुकली में आस्था का पर्व वट सावित्री गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पति की दीर्घायु और सौभाग्य प्राप्ति के लिए सुहागिनों ने सोलह श्रृंगार में सज-धज कर निर्जला व्रत रखा और वट सावित्री की पूजा की। वट वृक्ष के नीचे सुहागिनों ने विधिपूर्वक बरगद की पूजा की और बरगद के चारों ओर धागा बांधकर परिक्रमा कर सौभाग्य की मंगलकामना की। इसके उपरांत व्रति महिलाओं ने पूरी श्रद्धा के साथ वट सावित्री की कथा सुनी। शास्त्रों में वर्णित सावित्री सत्यवान की कथा इस लोकपर्व का आधार माना जाता है जिसमें अपने पति के प्राणों की रक्षा के लिए सावित्री ने यम के नियम को भी बदलने को मजबूर कर दिया था। श्रृंगार किए महिलाएं पूजन करने के बाद यथाशक्ति दान की। मान्यता है कि वट सावित्री व्रत रखने से परिवार के लोगों को सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है और वैवाहिक जीवन में खुशियां आती है। देखा जाए तो इस पर्व के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी मिलता है वृक्ष होंगे तो पर्यावरण बचा रहेगा और तभी जीवन संभव है। इस अवसर पर कृष्णा पांडेय, सुरुचि सिंह, भारती सिंह, भुनेश्वरी, रजनी, अनिता, ममता, श्रद्धा, भारती, आकांक्षा, पूर्णिमा सिंह, पुष्पलता, राजेश्वरी ध्रुव, जलेश्वरी ध्रुव, दुर्गा ध्रुव, निम्बा सिंह ने व्रत रखकर अपने कुटुंब और समाज कल्याण के लिए समर्पण का संदेश दिया।