महासमुंद ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर/स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी आदर्श विद्यालय महासमुंद में 15 दिवसीय समर कैंप का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया ,जिसमें शहर के समस्त स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया, समर कैंप में बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु सह संज्ञानात्मक क्षेत्र में कार्य किया गया जिसमें मेहंदी ,रंगोली ,ड्राइंग, पेंटिंग ,पाक कला ,जुंबा ,योग,मेडिटेशन नृत्य, संगीत, इंडोर गेम जैसे कैरम, शतरंज, लूडो खेलका भी आयोजन किया गया।
समर कैंप का आयोजन बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए किया गया ,समर कैंप में बच्चों ने इन सभी कलाओं में से जुड़ी हुई बारीकियों को सीखा,समर कैंप के सफलतापूर्वक अयोजन पर शाला के प्राचार्य श्री हेमेंद्र आचार्य सर ने बच्चो को संबोधित करते हुए कहा कि यह उम्र अभी सीखने की है इस कैंप के माध्यम से हम एक दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते है और हमे एक दूसरे से हमेशा सीखते रहना चाहीए,और इस कैंप के माध्यम से हम अलग अलग शालाओं के बच्चो से मिल पाए, प्रधान पाठक श्री चंद्राकर सर ने बच्चों से कहा कि जो कुछ भी आपने इस कैंप में सीखा है उसे अपने घर पर भी करे, यदि किसी कार्य को करते रहते है तो हम उसमें पारंगत हो जाते है नही तो भूल जाते है शाला उपप्राचार्य श्री चमन चंद्राकर सर ने बच्चों को कहा कि इस कैंप में जो आपने सीखा है उसे आप अपने अन्य दोस्तों ,भाई बहनों, को भी सिखाओ क्योंकि ज्ञान बांटने से ही बढ़ता है और यदि उसे ना बांटा जाए तो वह धीरे-धीरे समाप्त होती जाता है तो हम में यदि कोई गुण है तो उसे हमें सिखाते रहना चाहिए तब उसमे और निखार आता है हमारे इस कैंप में अलग-अलग विधाओं विषय विशेषज्ञ के द्वारा सिखाया गया है जैसे योग में श्री भेषलाल ठाकुर सर, संगीत में श्री जुल्फे सर एवं ठाकुर सर ,जुंबा एवं नृत्य में श्रीमती भारती सोनी ,खेल में श्रीमती अंजनी साहू ,क्राफ्ट एवं कबाड़ से जुगाड़ में सुधा शर्मा एवं भोजेश्वरी ठाकुर मैडम ने बच्चों को सिखाने में योगदान दिया है। योग में बच्चों को प्राणायाम ,सूर्य नमस्कार अनुलोम विलोम, कपालभाति ,भ्रामरी ,वज्रासन, वृक्षासन , ताड़ासन आदि रोजाना करके सिखाया गया,योग के फायदे को बताया गया ,साथ ही नृत्य में लोक नृत्य की जानकारी दी गई ,संगीत में सुरों को कैसे साधा जाता है उसे समझाया गया ,कबाड़ से जुगाड़ में व्यर्थ पदार्थों से किस प्रकार से सजावटी सामान बनाया जा सकता है बच्चों को सिखाया गया है बच्चों ने समर कैंप ने बहुत आनंद लिया साथ ही बच्चों को समर कैंप में स्वल्पाहार का भी इंतजाम किया गया था, इस तरह का समर कैंप बच्चों को एक आदर्श नागरिक बनने में सहायक होता है एवम कैंप के माध्यम से बच्चें अनुशासन ,अभिव्यक्ति कौशल , कला कारी जो भविष्य में उनके जीविका का साधन बन सकता है आदि का विकास करने हेतु किया गया , इस समर कैंप में प्रमुख बात यह रही की शहर के अन्य शालाओं से भी बच्चों ने कैंप में भाग लिया कुछ बच्चे जिनकी उम्र मात्र तीन वर्ष है उन्होंने भी कैंप का आनंद लिया,समर कैंप में पाक कला का भी आयोजन किया गया था , जिसमें बच्चे स्वयं से व्यंजन बनाकर लाए थे, एवं बच्चे उस व्यंजन को किस प्रकार से बनाया जाता है उसे बताएं, समर कैंप के पंद्रहवें दिन समग्र शिक्षा के डीएमसी श्री कमल नारायण चंद्राकर सर,बीआरसी सी श्री जागेश्वर सिन्हा सर ,विकासखंड से ए बी ओ श्रीमती तारिका कुंजाम मैडम,पीएम श्री की प्रधान पाठिका श्रीमती गोमती साहू अतिथि के रूप में उपस्थिति रही ,श्री कमल नारायण चंद्राकर सर जी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आप और दो मित्र को यहां पर जो भी सीखे हुए हैं उसे बताएंगे वह दो मित्र अपने अन्य दो मित्रों को बताएंगे, ऐसे करते एक कड़ी बन जाएगी और आपने जो यहां सीखा है आपका सिखा हुआ आपके आसपास अन्य लोगों तक स्वताः ही पहुंच जायेगा ।
समर कैंप में श्रीमती मनीषा साहू, सोनल साहू, दुबे मैडम , देवेंद्र ठाकुर, दिव्य मैडम, समन्वयक सुरेंद्र चंद्राकर, सफाई कर्मचारी मुन्ना साहू, हीरा साहू, वाशिका ने सफाई एवम पेयजल की व्यवस्था प्रमुख रूप से सहयोग प्रदान किया।
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