मुख्यकार्यपालन अधिकारी से शिकायत, जांच कार्रवाई शून्य।
सक्ति/ट्रैक सीजी/अवधेश टंडन। जैजैपुर ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत भोथिडीह में पीएम आवास एवं सीएम आवास योजना में भारी गड़बड़ी की आशंका शिकायतकर्ता ने जताई है और मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जैजैपुर को शिकायत जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग किया गया है।
दरसल पूरा मामला जैजैपुर ब्लाक अंतर्गत ग्राम पंचायत भोथिडीह की है जहां पीएम एवं सीएम आवास योजना में सन 2014 से अब तक निर्मित तमाम इंदिरा आवास,पीएम आवास एवं सीएम आवास योजना अंतर्गत सभी आवासों की माप पुस्तिका, बिल व्हाउचर, कैश बुक, आदि की भौतिक सत्यापन कराकर इन सभी पहलुओं जांच करने की शिकायत की गई ताकि नियमविरुद्ध आवास निर्माण कर फर्जी तरीके से शासन के राशियों का बंदरबाट कर भ्रष्टाचार करने वालों के विरुद्ध नकेल कसी जा सके और पात्र हितग्राहियों को आवास का लाभ मिल सके। भोथिडीह पंचायत में उक्त निर्माण कार्यों में सम्भवतः भारी अनियमितता बरतने का आरोप है लोगोें की मानें तो कई हितग्राही ऐसे भी हैं जो बिना आवास बनाये ही पंचायत के जिम्मेदारों से मिलीभगत कर आवास की राशि का आहरण किया गया है और जिओटैग में किसी अन्य के घर का फोटो लगा दिया गया है। इस कृत्य में सचिव, सरपंच, रोजगार सहायक एवं ब्लाक समन्वयक एवं लाभान्वित व्यक्ति इन सभी की सहभागिता शामिल होने का आरोप लगा है।
रोजगार सहायक पर बिना मकान बनाये राशि आहरण का आरोप
भ्रष्टाचार की इन्तहा तो देखिये कि रोजगार सहायक जैसे जिम्मेदार पद पर रहते हुए खुद अपने परिवार के लोगों के नाम पर आवास निर्माण कार्य कि राशि बिना कोई एक ईट रखे किसी अन्य के घर का जिओटैग करके अपने ही परिवार के नाम आवास का राशि आहरण किया गया है जोकि बिना इंजीनियर और समन्यवयक के मिलीभगत से संभव नहीं हो सकता ताज़ूब की बात यह है की शिकायत के बावजूद इन सभी पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं किया जाना समझ से परे है।
यह मामला उजागर तब हुआ जब अनिल कुमार चंद्रा ने शिकायत जनपद सीईओ जैजैपुर को किया और जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की। हालाँकि इस मामले में इससे पहले भी शिकायत एक अन्य व्यक्ति द्वारा की जा चुकी है लेकिन शायद जनपद के अधीन कार्यरत कर्मचारी होने के नाते रोजगार सहायक और सरपंच के खिलाफ अधिकारी अपने विभाग के दोषियों को सह देते हुए कोई कार्यवाही करने के स्थिति में दिखाई नहीं दे रहे है। इसी कारण से इनका मनोबल बढ़ा हुआ है और ना सिर्फ आवास योजनाओं में बल्कि रोजगार गारंटी में भी खुलेआम भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है और जिम्मेदार अधिकारी आँख मूंद कर अपने विभाग के अधीनस्थ कर्मचारी को बचाने में धृतराष्ट्र की भूमिका निभाने में कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है।