रायपुर (ट्रेक सीजी न्यूज/सतीश पारख) स्मृता ने कहा मां तो मां हैं,जो बच्चों की सफलता के लिये सदैव मंगलकामना करती हैं । माँ का कर्ज एक औलाद जीवन भर नही चुका सकता ।माँ तो वह होती है जो मन की बात जान जाती है मैंने फ़रिश्तों का नाम सुना था ।लेकिन अपनी माँ के रूप में देख भी लिया माँ एक सामान्य महिला हैं ।लेकिन उस अकेली माँ के सामने हर कोई असामान्य है।जिसका ऋण नहीं चुका सके वही माँ होती है ।माँ तेरी ममता की तुलना संसार में किसी से नहीं की जा सकती है। माँ आप की बेटी स्मृता साहू का आप के चरणों में नमन।
Related Posts
Add A Comment