महासमुंद ट्रैक सीजी गौरव चंद्राकर/जिले मे नियमित रोजगार की अनुपलब्धता के परिणाम स्वरुप पूर्ण रूप से क़ृषि पर आधारित परिवार जिनके पास वर्ष के छः महीने का ही कार्य होता है तथा आजीविका की तलाश मे ऐसे परिवार बाकी बचे हुए छः मांह के लिए आसपास या दूरस्थ स्थानों में पलायन कर जाते थे, वर्त्तमान मे यह दशा पुरे जिले की है तथा इस पर नियंत्रण कर पाना चुनौती है, बागबाहरा विकास खंड के ग्राम कुर्रुभाठा में विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवारों के पलायन की सम्भावना को देखते हुए, पायलेट बेसिस पर सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. सुरेश शुक्ला द्वारा पिछड़ी जनजाति के परिवारों को उनके परम्परागत व्यवसाय मे गुणवत्ता उन्नयन हेतु मूल्य संवर्धन का प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिसके परिणाम स्वरुप परिवारों के परंपरागत व्यवसाय मे हो रहे आय वृद्धि का स्त्रोत तैयार हुआ, आजीविका से सम्बंधित कार्य में व्यवहार परिवर्तन के सिद्धांतो को लागु करने से एक नये प्रकार से उनके जीवन स्तर में बदलाव की सम्भावना है, उपरोक्त मुहीम को मिशन मोड पर लेकर जिले में किये जा रहे प्रयास के लिए सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. सुरेश शुक्ला को छत्तीसगढ़ यूनिसेफ द्वारा NIIT कालेज में सम्मानित किया गया I
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