बीज जात्रा,खरी, माटी तिहार के नाम से आदि काल से चला आ रहा बीजापुर का पारंपरिक त्यौहार हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ग्रामीणों द्वारा धूमधाम से मनाया जायेगा
‘ शेष मांगना ‘ प्रथा
दिनांक 14 मई दिन बुधवार को ‘ शेषा मांगना ‘ एक प्रथा जिसमें गांव गुड़ी से पूजा कर चयनित व्यक्ति को ग्राम भ्रमण के लिए भेजा जाता है ,जिसे स्थानीय बीजापुर वासियों द्वारा महुआ फूल व्यक्ति के टोकरी में भेंट दिया करतें है ,उन्हे बेलपत्र प्रसाद स्वरूप दिया जाता है उस बेलपत्र को पूरा परिवार आस्था पूर्वक ग्रहण करते हैं और प्राप्त महुआ फूल को गांव गुड़ी में पूजन स्वरूप अर्पित करते हैं।
ग्राम शांति समृद्धि पूजन
21 मई दिन ग्राम जात्रा से एक दिन पहले देवसियान,पुजारी, गायता, पेरमा, एवम ग्राम प्रमुखों की उपस्तिथि में अपने अपने सीमा सरहद में गांव से संबंधित पीड़ा दुख दर्द को विधि विधान से पूजन कर अपने क्षेत्र से बाहर विदा कर क्षेत्र वासियों की सुख शांति की कामना करते हैं ।
गोरनाकारिन जात्रा (ग्राम गोरना) और माता कारी कंकालीन जात्रा (बीजापुर) एक ही दिन होगा संपन्न
21 मई दिन मंगलवार को बीज जात्रा मुख्य जात्रा के दिन बीजापुर के क्षेत्र अंतर्गत गोरना में मां गोरनाकारीन जिसे बड़ी माता का दर्जा प्राप्त है गोरना में जात्रा ( मेला) का आयोजन सुबह 9 बजे से 12 बजे पूजन पूर्ण कर पेरमा पुजारी प्रमुख जनों की उपस्तिथि में दोपहर को एक साथ जिला मुख्यालय में स्थित ग्राम देवी मां कारी कंकालिन् माता गुड़ी परिसर भट्टीपारा में जात्रा ( मेला) भरता है जो देर रात तक चलता है
माटी तिहार
22 मई बुधवार को माटी तिहार स्थानीय भाषा में इसे खरी पंडुम बीज पंडुम कहा जाता है जिसे पूर्ववत समस्त जिम्मेदार लोग द्वारा पारंपरिक विधि विधान पूर्वक स्थानीय ग्रामीणों की उपस्तिथि में मनाया जायेगा मान्यता है कि, देवी देवताओं से इस दिन के बाद किसानों को नई फसल के लिए बीज बोने की, खेती बाड़ी करने की अनुमति मिलती है ।
सारा कार्यक्रम मेघनाथ मांझी (देव सियान),सागर पुजारी(चिकटराज पुजारी ),संजय पुजारी (माता पुजारी),सुखलाल पुजारी (माटी पुजारी),रामशरण मांझी (देव प्रमुख),दिनेश पेरमा (पेरमा), नंदकिशोर पाण्डे (गायता),राम शंकर मांझी ( परघनिया मांझी),विश्वनाथमांझी, आदिनारायण पुजारी,फूलचंद नाईक,ग्राम प्रमुख व ग्रामीणों की उपस्तिथि में संपन्न होगा .