शशी रंजन सिंह
सूरजपुर (ट्रैक सी.जी. जिला ब्यूरो चीफ) :– लोकसभा का तीसरे चरण का मतदान समाप्त हो गया है और मतदान के दौरान पोलिंग बूथों में कई पोलिंग बूथ तो विरान नजर आए वही कई ऐसे पोलिंग बूथ थे जिनमें लंबी लंबी कतार लगी हुई थी जिसमें मतदाता अपने मतदान करने के पारी का इंतजार करते हुए दिखाई दिए इस बीच कही कही के पोलिंग बूथ के मशीन खराब होने की भी खबर आई उन खराब मशीनों को समय से ठीक कर लिया गया।
मतदान सरगर्मियां आज अपने अंतिम पड़ाव पर रहा मतदान केंद्रों में लोग सुबह से ही देखे गए कही कही पोलिंग बूथों पर मतदान करने को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला वही कही कही मतदान केंद्रों में भिड़ का देखी गई बरहाल इसका कारण जो भी हो और राजनीतिक गर्मी के साथ साथ मौसम का भी मिजाज काफी था जहा लोग ठंडे होने का इंतजार कर रहे थे जहा कार्यकर्ता दोनों ओर से अपने अपने प्रत्यासियो के पक्ष में मतदान कराने को लेकर लगे हुए थे।
भटगांव विधानसभा की विधायक व प्रदेश में महिला बाल विकास विभाग की मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े की भी प्रतिष्ठा अब दाव पे लग गया है। भटगांव विधानसभा चुनाव की बात करें तो उन्होंने लगभग 43 हजार से अधिक मतों से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पारस नाथ राजवाड़े को पराजित किया था अब उनके लिए यह प्रतिष्ठा बन गया है कि उस जीत के अंतर को बरकरार रखने का। अगर जीत का अंतर कम होता है तो कही न कही उनके लिए प्रश्नवाचक चिन्ह न बन जाए या उनके ऊपर सवालिया निशान लगने प्रारंभ हो जायेंगे की ऐसा क्या हुआ की महज तीन से चार महीनों में ही जनता भाजपा से मोह भंग कर लिया क्योंकि उन्हीं मोदी के कहने पर ही छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनी है।
वही बात करें तो इस बार लोकसभा चुनाव में दो मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े सहित रामविचार नेताम जो वरिष्ठ मंत्री है उनकी भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है ऐसे में मंत्री लोकसभा चुनाव में खूब पसीना बहा रहे है।
भटगांव विधानसभा में वरिष्ठ कार्यकर्ता और नेता क्यों नहीं दिखे यह चर्चा का विषय बना हुआ है। बात करें तो जीतने लोग विधानसभा चुनाव में बड़ चढ़कर कार्य किए थे वो कार्यकर्ता और नेता इस चुनाव नज़र नहीं आए। अगर अंदर सूत्रों की माने तो मंत्री और संगठन से नाराजगी बताया जा रहा है अब ये किसपे भारी पड़ता है यह आने वाला समय ही बतायेगा।
कांग्रेस के घोषणा पत्र में महिलाओं को एक लाख रुपए सालाना देने का घोषणा किया गया जिसको लेकर कार्यकर्ताओं काफी उत्साहित है। भटगांव विधानसभा में देखा गया है कि कांग्रेस शशि सिंह को प्रत्यासी बनाए जाने के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ता एकजुट होकर यह लड़ाई लड़ रहे है जबकि विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ता एकजुट नहीं थे इनकी एकजुटता कितना काम आयेगा यह तो 4 जून को ही पता चल पायेगा और तभी स्पष्ट हो पायेगा और वही लोक सभा चुनाव में जीत का अंतर अगर कम हुआ तो स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं होगी क्योंकि पिछली लोकसभा चुनाव की बात करें तो भटगांव विधानसभा अधिकांश मतों से श्रीमती रेणुका सिंह को चुनाव जितवाया था और छत्तीसगढ़ की इकलौती केंद्रीय जनजाति राज्य मंत्री का दायित्व मिला था मोदी सरकार में।
2024 लोकसभा चुनाव की बात करें तो विधानसभा की दृष्टि से भाजपा के पास वर्तमान में 14 विधायक है जहां तीन मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, रामविचार नेताम, श्याम बिहारी जायसवाल और एक मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश में सरकार चला रहे है ठीक इसके विपरीत 2019 के लोकसभा चुनाव में विधानसभा की दृष्टि से कांग्रेस के पास भी 14 विधायक 6 दिन में तीन मंत्री टी.एस.सिंह देव, अमरजीत भगत, प्रेमसाय सिंह के साथ छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार चला रहे थे फिर भी सरगुजा लोकसभा चुनाव श्रीमती रेणुका सिंह अच्छे मार्जिन से चुनाव जीतकर सांसद बनी थी जो वर्तमान में ठीक एक दूसरे के विपरीत है अब देखना यह होगा कि क्या कांग्रेस 2019 की लोकसभा चुनाव के परिणाम की तरह 2024 के लोकसभा चुनाव सरगुजा का रिजल्ट अपने पक्ष में कर पाती है इसके लिए 4 जून का इंतजार करना होगा।