वोट कर तू वोट कर, वोट कर तू वोट कर
चिलचिलाती धूप हो, या गर्मी का प्रकोप हो
लोकतंत्र के पर्व में, तेरा भी एक वोट हो
सड़को का जाल है, वोट का कमाल है
कश्मीर में बहार है, मंदिर भी तैयार है
समान अधिकार हो, गरीबी पर वार हो
बन रहा है राष्ट्र नव, हर तरफ विकास हो
आतंक पर तू चोट कर, निकल घर से वोट कर
तेरे एक वोट से धर्म का उत्थान है राष्ट्र का निर्माण है
तू वोट कर तू वोट कर, कुछ भी हो तू वोट कर
जो तेरे आस पास हो, उसको बोल वोट कर
वोट कर तू वोट कर, वोट कर तू वोट कर
अभिषेक तिवारी “मिकी” बलौदाबाजार छत्तीसगढ़