दुर्ग (ट्रेक सीजी न्यूज/हो.स./सतीश पारख)
अंततः इंडी एलायंस की प्रधानमंत्री पद के चेहरे की तलाश पूरी हुई और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इंडी एलाइंस ने अपना प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित करने का फैसला लिया । इसके पहले नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की बात चल रही थी किंतु एनडीए गठबंधन में शामिल होकर उन्होंने इंडी एलायंस की हवा निकाल दी ।चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछड़े वर्ग से आते हैं वह स्वयं को तेली जाति का बताते हैं, लिहाजा इंडी एलायंस भी किसी पिछड़े वर्ग के चेहरे पर दांव लगाने तैयार हो गई है और पिछड़े वर्ग के सर्वमान्य नेता के रूप में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सामने लाया जा सकता है ।एग्रेसिव राजनीति और सोशल इंजीनियरिंग खड़ी करने में भूपेश बघेल की क्षमता को देखकर कांग्रेस हाई कमान भी चाहता है कि भूपेश बघेल को आगे लाकर उन्हें प्रधानमंत्री का चेहरा प्रोजेक्ट कर दिया जाए ।कांग्रेस चाहती है कि कांग्रेस के बाहर से किसी नेता को प्रधानमंत्री का चेहरा बनाने के बेहतर होगा की कांग्रेस के भीतर ही भूपेश बघेल जैसे हीरो पर दांव लगाना भविष्य में भी पार्टी के हित में होगा। ज्ञात हो की पूरे देश में पिछड़े वर्ग के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है सरकार बनाने और बिगड़ने के खेल में पिछड़े वर्ग के मतदाता ही अहम भूमिका निभाते हैं।ऐसी स्थिति में उन्हे अपने पाले में करने पिछड़े वर्ग के लोगों को राष्ट्रीय स्तर पर अपने साथ लेने कांग्रेस हाई कमान को कोई ऐसा नेता कांग्रेस में या इंडी गठबंधन से जुड़े किसी अन्य दलों में भी नहीं मिल सका जो प्रधानमंत्री के तौर पर सामने लाया जा सके और इसलिए इंडी गठबंधन की यह तलाश भूपेश बघेल पर आकर खत्म हुई है । इसके लिए सभी साथी दलों से लगभग कांग्रेस ने मंत्रणा कर सभी को अपनी भावनाओं से अवगत कराते हुवे उन्हे भी तैयार कर लिया है की यदि इंडी एलायंस की सरकार बनती है तो भूपेश बघेल ही प्रधानमंत्री होंगे और इसके लिए सभी ने अपनी सहमति भी दे दी है । भूपेश बघेल राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी हैं और यह सब उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु अविभाजित मध्यप्रदेश के समय के राजनीतिक के चाणक्य के नाम से जाने जाने वाले दाऊ वासुदेव चंद्राकर , तात्कालीन सासंद रहे चंदूलाल चंद्राकर के सानिध्य में सीखा है ।भूपेश बघेल राजनीति में जातिगत विसात कैसे बिछाया जाता है यह भी उन्हे मालूम है राजनीति की उन्हें जमीन जमीन की समझ है और उनके जनाधार के लेबल का प्रदेश में क्या पूरे देश में पिछड़ा वर्ग का कोई नेता भी नही है । गहरी सामाजिक पैठ वाले नेताओं में उनकी गिनती होती है इसलिए प्रधानमंत्री के चेहरे के तौर पर भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के पहले प्रधानमंत्री पद के दावेदार नेता बन सकते हैं।