महिला दिवस पर झारखंड के आदिवासी मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विधवा महिलाओं के पुनर्विवाह प्रोत्साहन योजना की जमीनी शुरुआत कर दी है,साय सरकार भी इस तरह की योजना क्रियान्वित करे। *रायपुर *(ट्रेक सीजी न्यूज छत्तीसगढ़/सतीश पारख)
छत्तीसगढ़ में 22 लाख 60 हजार से अधिक महिलाएं विधवा, परित्यक्त या दिव्यांजनजन हैं। इनमे विधवाओं की संख्या 20 लाख करीब है। इनका रोजगार दर अल्प है। हालांकि, शिक्षा और सरकारी नीतियों के चलते ये महिलाएं आज दया की मोहताज नहीं रही हैं। उन्हें भोजन व सामान्य जीवन जीने का अवसर मिल रहा है। इसके बावजूद कम उम्र में वैधव्य की पीड़ा झेलती महिलाओ के पुनर्विवाह को छत्तीसगढ़ में और भी ज्यादा सरकारी प्रोत्साहन की दरकार है। ताकि इन्हे सामाजिक सुरक्षा ज्यादा मिले। मालूम हो, छत्तीसगढ़ राज्य में भी किसी विधवा को दूसरी शादी करने पर दो लाख रु देने की सरकारी व्यवस्था है। पर सरकारी मशीनरी के चलते लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता। जीवन साथी की मृत्यु के बाद असहाय महिला को दुबारा अवसर देना जरूरी है। महिला दिवस पर झारखंड के आदिवासी मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विधवा महिलाओं के पुनर्विवाह प्रोत्साहन योजना की जमीनी शुरुआत कर दी है। ‘विधवा पुनर्विवाह प्रोत्साहन योजना’ (विधवा पुनर्विवाह प्रोत्साहन योजना) जमीन पर उतारा है। यह योजना विधवाओं को पुनर्विवाह की नई यात्रा शुरू करने मदद करेगा। नवज्ञान शिक्षण संस्थान के प्राध्यापक भरत सिंह बताते हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य में भी इस दिशा में ईमानदार प्रयास होना चाहिए। तभी विधवा, परित्यक्ता वा दिव्यांगजन महिलाओ को मुख्य सामाजिक धारा से जोड़ा जा सकेगा।