बीजापुर – नक्सली इलाक़े की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में पदस्त उसूर विकासखंड के 200 से ज़्यादा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को तय समयावधि में मानदेय नहीं मिलने से ख़ासे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक़ दिसम्बर 2023 का मानदेय जनवरी के आख़िरी सप्ताह में भुगतान मिला है जबकि जनवरी, फरवरी 2024 का मानदेय भुगतान 1 मार्च तक भी नहीं हुआ है जिसका सीधा असर मात्र 10 हज़ार के मासिक मानदेय पर कार्यरत कार्यकर्ताओं के परिवार पर पढ़ रहा है। जानकारी के मुताबिक़ उसूर परियोजना में अधिकारियों का मुख्यालय से नदारद रहना भी मानदेय नहीं मिलने का मुख्य कारण है। नक्सल इलाक़े में काम करने और जान का जोखिम होने के बाद भी मानदेय मिलने में देरी से कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है। प्रदेश में सरकार बदली है लेकिन अधिकारियों ने अपने काम में बदलाव नहीं लाया है। शासन का निर्देश है कि कार्यकर्ताओं का मानदेय भुगतान सबसे पहले किया जाना है। चूँकि न्यूनतम दस हज़ार के मानदेय में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी सेवाएँ देते हैं। यहाँ अधिकारी सीधे शासन के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं।
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