:– शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिये लगातार प्रयास करती रहती हैं लेकिन राज्य द्वारा चलाए गए शिक्षा सुधार कार्यक्रमों को जिले में बैठे जिम्मेदारों के द्वारा फैल किए जाने का जोखिम बना रहता है क्योंकि इनके द्वारा व्यवस्था बनाने में छात्रों के हितों को ध्यान में नहीं रखा जाता।ऐसा ही एक मामला जिले के सूरजपुर जनपद के ग्राम बेल्टिकरी(भुइहारी पारा)के शासकीय प्राथमिक विद्यालय का है यहां पढ़ने वाले 62 बच्चों के लिए 01 प्रधान अध्यापक तैनात है. एक प्रधानाध्यापक के जिम्मे 62 बच्चों का अध्यापन कार्य चल रहा है जबकि कितने बच्चों पर एक शिक्षक का व्यवस्था करना है उस विषय पर विभाग सर पर हाथ रखा बैठा दिखाई दे रहा है. हेड मास्टर के पास विद्यालय के और भी जरूरी काम होते हैं उनके द्वारा बच्चों को शिक्षा दिया जाए यह बाकी काम निपटाया जाए, ऐसे में बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हो रही है, सोचने वाली बात है इतने बच्चों को पढाने के लिए स्कूल में शिक्षक ना हो तो शिक्षा का क्या हाल होगा। स्कूल में पढ़ने जाते है 10 राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बेल्टिकरी के इस विद्यालय में विशेष पिछड़ी पण्डो जनजाति के छात्र भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिनको सरकार के द्वारा विशेष सूची में स्थान दिया जाता है जो राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र भी माने जाते हैं सभी सरकारें उनके जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास करती हैं वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिससे पण्डो जनजाति के बच्चो का भविष्य भी अधर में लटका हुआ दिखाई देता है। कई स्कूलों में अधिकारियों के कारनामे जहां 26 बच्चों पर कई शिक्षक जिले में कई स्कूलों का यही हाल है जहां बच्चे कम है वहां शिक्षक अधिक हैं और जहां बच्चे अधिक हैं वह शिक्षक कम है जैसे की भैयाथान जनपद में आने वाले ग्राम पसलिहा पारा के मिडिल स्कूल में कुछ समय पहले तक 26 बच्चे दर्ज थे वहीं चार शिक्षक और एक अटैच शिक्षक के द्वारा शिक्षा का कार्य कराया जा रहा था अभी वर्तमान में भी तीन शिक्षक वहां पर पदस्थ हैं और बच्चों की संख्या इतनी कम है की सभी क्लास के बच्चे एक ही रूम में बैठकर पढ़ते हैं. अधिकारियों से बात करने पर शिक्षक कम होने का रोना रोया जाता है जबकि शिक्षकों की कमी कम और व्यवस्था में गड़बड़ी का मामला ज्यादा लग रहा है. विभाग के जिम्मेदार इन समस्याओं से अवगत होते हुए भी आंखें मूंदे बैठे हैं ऐसे में जिले के स्कूलों में शिक्षा का क्या स्तर होगा, “कैसे पढेगा इंडिया और कैसे बढ़ेगा इंडिया”। क्या कहते है जिम्मेदार अधिकारी जिले में ऐसे कई स्कूल है जहा इस तरह की स्थिति बनी हुई है शासन को प्रस्ताव भेजा गया है और अभी शिक्षक चयन जारी है शिक्षकों का सत्यापन भी हो रहा है आगामी 12 के बाद आदेश होंगे। :– ललित कुमार पटेल, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़।
सरकार के शिक्षा व्यवथा को पलीता लगाने में क्यों लगे है उच्च अधिकारी….? शशी रंजन सिंह सूरजपुर (ट्रैक सी.जी. जिला ब्यूरो चीफ)
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