मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने आज शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति और क्रियान्वयन की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। जिला कार्यालय के एनआईसी कक्ष में कमिश्नर श्री सत्यनारायण राठौर, कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, सीईओ श्री अश्वनी देवांगन, आयुक्त श्री लोकेश चंद्राकर, श्री आशीष देवांगन, श्री देवेश धु्रव, महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री अजय शर्मा सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वपूर्ण योजना महतारी वंदन योजना के तैयारियों के संबंध में सभी जिलों के कलेक्टर से वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के माध्यम से चर्चा की। उन्हानें कहा कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में महतारी वंदन योजना लागू किया गया है। यह योजना 01 मार्च 2024 से लागू होगा। ऑनलाईन व ऑफलाईन आवेदनों का पंजीयन 5 फरवरी से प्रारंभ होगा। आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 20 फरवरी निर्धारित किया गया है। उन्होंने समय सीमा को ध्यान रखने के निर्देश दिए। कोई भी पात्र महिला इस योजना का लाभ लेने से न छूटे इसका विशेष ध्यान रखें। आवेदन प्रपत्र ग्राम पंचायत, वार्ड कार्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र, परियोजना कार्यालय में तथा जिले द्वारा आयोजित शिविर में उपलब्ध होंगे। योजनांतर्गत जिले में लगाए जाने वाले शिविरों का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने एवं शिविर प्रभारी को प्रशिक्षण देने की बात कही। उन्होंने जिले में महिला बाल विकास विभाग एवं जिला प्रशासन में एक महीने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने को कहा, ताकि कोई भी महिला योजना से संबंधित जानकारी के लिए संपर्क स्थापित कर सके। मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत प्राप्त हुए आवेदनों पर चर्चा की। उन्होंने जिन जिलों से कम आवेदन प्राप्त हुए हैं उन जिलों को प्राथमिकता के साथ इस कार्य को पूर्ण करने को कहा। 18 प्रकार के पारंपरिक व्यवसाय के लिए प्राप्त आवेदनों को ट्रेडवाईस वर्गीकरण करने को कहा। साथ ही आवेदकों के पारंपरिक कौशल को निखारने के लिए कौशल प्रशिक्षण के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने ट्रेडर्स की ट्रेनिंग संभाग स्तरीय कराने को कहा। धान उपार्जन के संबंध में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि धान खरीदी केन्द्रों में नियुक्त नोडल अधिकारी खरीदी केन्द्रों का भौतिक सत्यापन करें। भौतिक सत्यापन के पश्चात फोटो भी लिया जाना सुनिश्चित करें।मुख्य सचिव ने खनिज विभाग की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि कलेक्टर जिला स्तर पर खनिज खदानों का निष्कासन कर ले। इसमें विशेषतौर पर गिट्टी खदानों का जो लीज पर है। उक्त खदानों की प्रविष्टी ऑनलाईन परिवेश पोर्टल पर किया जाना सुनिश्चित करें। यह पोर्टल भारत सरकार के माध्यम से खदानों का पंजीकरण हेतु संचालित किया गया है। उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि खदानों का पंजीकरण पूर्व में निर्धारित प्रपत्रों की संख्या को कम कर अब सिर्फ 5 प्रपत्रों में ही भर कर पंजीकरण किया जा सकेगा। इसके अलावा वन विभाग एवं पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।
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