छत्तीसगढ़ जाजगीर चांपा- सतनाम शिक्षा नवसृजन ,सर्व समाज ग्राम कोटमी सोनार के तत्वावधान में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। आयोजक टीम वीरेन्द्र कुमार बंजारे कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई चैतमा अध्यक्ष ,संरक्षक इंजीनियर आनंद प्रकाश मिरी, भूपेंद्र कुमार मल्होत्रा , बजरंग साहू सामाजिक कार्यकर्ता, दिलविजय रॉय सचिव,गंगा प्रसाद मल्होत्रा, सतनाम शिक्षा नवसृजन समिति, सुबोध थवाईत सहभागिता से कोटमी सोनार में रक्तदान शिविर का आयोजन किया।रक्तदान शिविर में 70 रक्तदाताओं रक्तदान कर सहभागिता निभाई।यातायात सड़क सुरक्षा के लिए रक्तदाताओं को निशुल्क सत्तर हेलमेट वितरण किया गया। वीरेंद्र कुमार बंजारे कार्यक्रम अधिकारी ब्यख्याता ने ने बताया कि विज्ञान बहुत सक्षम हो चुका है और अब तो लैबोरेटरी में तमाम तरह की दवाएं, वैक्सीन और एंटीबायोटिक भी तैयार की जाने लगी है। लेकिन जिंदा रहने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी खून को अभी तक नहीं बनाया जा सका है।ब्लड का कोई विकल्प नहीं है। खून की कमी को केवल ब्लड डोनेशन के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है। रक्त की कमी को पूरा करने और अधिक से अधिक रक्त दाताओं को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करते हेतु रक्तदान की दिशा में एक बड़ा आयोजन है। इस अवसर पर अधिक से अधिक रक्तदान करने के लिए रक्तदाताओं को प्रेरित किया जाता है जिससे विभिन्न रोगों जैसे – एचआईवी, हैपेटाइटिस-बी, हैपेटाइटिस-सी, सिफलिस, दुर्घटना के कारण होने वाली सर्जरी, कैंसर आदि के उपचार में खून की आवश्यकता को पूरा किया जा सके। आपके द्वारा दान की जाने वाली रक्त की प्रत्येक बूंद किसी भी चीज़ से अधिक कीमती है। यह जीवन को बचाने में मदद करता है और मानवता को बेहतर स्तर पर लाता है। बिना किसी आर्थिक लाभ के रक्दान करने के लिए आगे आने से जहां कई मासूम लोगों की जान बच सकता है वहीं इससे रक्तदाताओं को भी बहुत से फायदे होते हैं।अगर आप की वजह से किसी को जीवनदान मिलता है तो इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है। इसलिए रक्तदान को महादान भी कहा जाता है।एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में औसतन 10 यूनिट रक्त होता है, जिसमें से व्यक्ति एक यूनिट ब्लड डोनेशन कर सकता है। लेकिन जागरूकता की कमी की वजह से व्यक्ति ब्लड डोनेशन करने से डरता , हिचकिचाता है। जरा सोचिए हमारे देश को हर साल करीब 120 लाख यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है लेकिन केवल 90 लाख यूनिट ब्लड ही उपलब्ध हो पाता है। ऐसे में देश 30 लाख यूनिट ब्लड की कमी से जूझता है। जबकि 38000 से अधिक ब्लड यूनिट की हर रोज जरुरत होती हैं।वह किसी को जीवनदान देता ही है साथ ही इससे आप भी स्वस्थ रहते है। रक्तदान के फायदे मरीज के साथ – साथ रक्तदाता को भी होता है।एक वयस्क व्यक्ति के शरीर में 5 – 6 लीटर ब्लड होता है। और अच्छी बात यह है कि अपने ब्लड की इस मात्रा से साल में कम से कम चार बार रक्तदान किया जा सकता है। वो भी बिना किसी शारीरिक नुकसान के। दूसरे शब्दों में कहे तो एक स्वस्थ शरीर के इंसान में लगभग दस यूनिट रक्त होता है। जिसमें से वह एक यूनिट रक्त (350 मिली) आराम से दान कर सकता है। एक नियमित रक्तदाता तीन महीने बाद फिर से अगला रक्तदान कर सकता है। जब कोई व्यक्ति ब्लड डोनेशन करता है, तो दो से तीन दिनों के भीतर उसके शरीर में प्लाज्मा का दोबारा निर्माण हो जाता है। जबकि रेड ब्लड सेल्स को बनने में एक से दो महीने लग सकते है। इस तरह कोई व्यक्ति तीन महीने बाद दुबारा रक्तदान कर सकता है। एवं सड़क सुरक्षा यातायात नियमों के पालन के लिए रक्तदाताओं को निशुल्क सत्तर हेलमेट वितरण कर सड़क सुरक्षा जागरूकता का संदेश देते हुए स्कूटर या मोटरसाइकिल के पीछे बैठने वाले को हेलमेट लगाना जरूरी है क्योंकि हेलमेट एक सुरक्षा सुविधा होती है जो आपकी सुरक्षा को बढ़ावा देती है। यह आपके सिर और चेहरे को सड़क पर होने वाली चोटों और दुर्घटनाओं से बचाने में मदद करता है, और ऐसे हादसों से होने वाले सीवर चोटों को कम कर सकता है विशेष सहयोग विश्व धारम विलासा ब्लड बैंक चंद्रकांत साहू , हाजी अलीम खान,छोटु कश्यप,सुरेंद्र दुबे, ईश्वर साहु,ललित सोनी, आदित्य सोनी, अश्विनी पटेल,राकेश शर्मा,सोमेश दुबे, शिव वश्त्रकार,अज़ीम खान, अमजद खान,संगठन के सदस्य पदाधिकारी राजेश मल्होत्रा,संत कुमार बंजारे, लक्मीचंद लहरें,दीपक यादव, गुड्डन मल्होत्रा, मनमोहन टंडन, सुमित साहू, लिनेश्वर पटेल,तेजराम पटेल,ओमप्रकाश यादव एवं ग्राम वासी, आसपास गांव के युवा ने ब्लड डोनेशन कर युवाओं को प्रेरित किया।
सिकलिंग थैलेसीमिया, ब्लड कैंसर से पीड़ित बच्चों के लिए सत्तर रक्तदाता रक्तदान शिविर एवं सड़क यातायात जागरूकता के तहत रक्तदाता को सत्तर हेलमेट निशुल्क वितरण —— (ट्रैक सीजी न्यूज छत्तीसगढ़ /गंगा प्रसाद मल्होत्रा)
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