टीबी मुक्त समाज के लिए स्वास्थ्य विभाग और पिरामल स्वास्थ्य सूरजपुर पर हर स्तर पर पहल कर रहा है। विगत दिनों संस्कृत उच्चतर माध्यमिक शाला जमड़ी में कार्यशाला का आयोजन कर स्कूली छात्र छात्राएं तथा शिक्षकवृंदों को टीबी की जानकारी दिया गया है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पिरामल स्वास्थ्य सूरजपुर के जिला कार्यक्रम समन्वयक राज नारायण द्विवेदी ने कहा कि टीबी की बिमारी अमीर गरीब किसी को भी हो सकती है। यदि बिमारी किसी को हो जाये तो घबड़ाने और डरने की बातें नहीं है। इसका ईलाज सरल और नि: शुल्क है। जांच के लिए अच्छें मेडिकल उपकरण ब्लॉक और जिला में उपलब्ध है। इसके अलावा पीएचसी में भी माइक्रोस्कोपी से जांच होता है। एक्स-रे की सुविधा भी नि: शुल्क है। दो सप्ताह से अधिक खांसी यदि किसी को हो तो तत्काल बलगम का जांच करवाये। विद्यालय के प्राचार्य रामाशंकर ने कहा कि टीबी मुक्त समाज के लिए आवश्यक है कि हमारे पास-पड़ोस में एक भी टीबी रोगी न हो। यदि है तो उपचार ले। यह बातें सबकों बताना और समझाना है। इस विद्यालय में लगभग दो सौ से भी अधिक बच्चें शिक्षा अध्ययन कर रहे हैं। एक सौ बच्चें आवासीय रखकर नि: शुल्क शिक्षा ले रहे हैं। इस विद्यालय की स्थापना डॉ. अशोक शर्मा के द्वारा की गई तथा आज भी वो इस विद्यालय और ग्रामीण बच्चों के भविष्य को संवारने में जुटे हुए हैं। इसे वो अपने जीवन का साधना और तपस्या मानते हैं। यह विद्यालय श्री दुर्गा सेवाश्रम के द्वारा संचालित है। कार्यक्रम का संचालन राजाराम कुशवाहा के द्वारा किया गया। श्रीमती कौशल्या सिंह ने कहा की पिरामल स्वास्थ्य संस्था ने हमारे विद्यालय को टीबी मुक्त भारत और टीबी बिमारी से बचाव के तरीके बताये। इससे सभी लोग लाभान्वित हुए। गंगा प्रसाद पण्ड़ो ने कहा की जानकारी ही बचाव है। टीबी का संक्रमण हवा के माध्यम से फैलता है। इससे बचने के लिए भारत सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं की जानकारी मिली। सुश्री सुमन ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि टीबी की बिमारी का इलाज और उपचार अब सरल हो गया है। सामाजिक बुराईयां भी धीरे धीरे खत्म हो रही है। आज बहुत कुछ जानकारी पिरामल स्वास्थ्य सूरजपुर के द्वारा दिया गया हम सभी आभारी हैं।
संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जमड़ी में टीबी जागरूकता। सूरजपुर (ट्रेक सीजी न्यूज़/सतीश पारख)
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